राष्ट्रीय समसामयिकी 1(15-Sept-2022)
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
(Prime Minister Matsya Sampada Yojana)

Posted on September 15th, 2022 | Create PDF File

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हाल ही में, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) की दूसरी वर्षगांठ मनाई गई।

 

यह योजना वर्ष 2020 में शुरू की गई थी।

 

उद्देश्य : भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत और जिम्मेदार विकास के माध्यम से एक नीली क्रांति लाना।

 

मंत्रालय : मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी

 

समयरेखा : वित्त वर्ष 2020 से 2025

 

दृष्टिकोण : यह योजना समुद्री, अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि में लाभार्थी उन्मुख गतिविधियों पर केंद्रित है।

 

इस योजना में ‘क्लस्टर अथवा क्षेत्र आधारित दृष्टिकोण’ अपनाते हुए मत्स्य समूहों और क्षेत्रों का निमार्ण और कई नए हस्तक्षेप जैसे मछली पकड़ने के पोत बीमा, खारे/क्षारीय क्षेत्रों में जलीय कृषि, सागर मित्र, एफएफपीओ, न्यूक्लियस प्रजनन केंद्र इत्यादि शुरू किए जाएंगे।

 

योजना के लक्ष्य :

 

वर्ष 2024-25 तक अतिरिक्त 70 लाख टन मछली उत्पादन वृद्धि।

 

वर्ष 2024-25 तक मत्स्य निर्यात आय को बढ़ाकर 1,00,000 करोड़ रुपये करना।

 

मछुआरों और मछली किसानों की दोगुनी आय करना।

 

पैदावार के बाद नुकसान 20-25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करना।

 

मत्स्य पालन क्षेत्र और सहायक गतिविधियों में 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करना।

 

उपलब्धियां : मछली उत्पादन और निर्यात अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जिसमें अंतर्देशीय मत्स्य पालन द्वारा 74% से अधिक और समुद्री द्वारा 26% से अधिक का योगदान है।

 

मात्स्यिकी क्षेत्र की स्थिति :

 

भारत दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है।

 

वर्ष 2021 में वैश्विक उत्पादन में 7.5% से अधिक का योगदान रहा।