राज्य समसामियिकी 1 (27-May-2020)
फसलों को टिड्डी दल से बचाने की हो रही तैयारी
(Preparations are being made to save crops from locust)

Posted on May 27th, 2020 | Create PDF File

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पड़ोसी मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में फसलों पर टिड्डी दल के हमले के मद्देनजर छत्तीसगढ़ में कृषि विभाग और किसानों को सचेत किया गया है।

 

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि राजनांदगांव जिले में लाखों की संख्या में टिड्डियों के आने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

 

टिड्डी दल अमरावती (महाराष्ट्र) और मंडला (मध्यप्रदेश) आ चुका है। टिड्डी दल के संभावित हमले को लेकर प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।

 

किसानों को अपनी फसलों को टिड्डी दल के हमले से बचाने का उपाय बताया जा रहा है तथा कृषि वैज्ञानिक सलाह दे रहे हैं।

 

अधिकारियों ने बताया कि राजनांदगांव जिले में टिड्डी दल के प्रकोप से बचाव के लिए कलेक्टर ने जिला स्तरीय दल का गठन किया है।

 

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए किसान दो प्रकार के साधन अपना सकते है। किसान टोली बनाकर शोर मचाकर, ध्वनि यंत्र बजा कर, टिड्डी दल को डरा कर भगा सकते हैं। इसके लिए ढोलक, ट्रैक्टर, मोटर साइकल का साईलेंसर, खाली टीन के डब्बे, थाली इत्यादि से ध्वनि पैदा की जा सकती है।

 

उन्होंने बताया कि टिड्डी दल से फसल बचाने के लिए जिले के ट्रेक्टर स्प्रेयर धारक किसानों से चर्चा कर 20 ट्रेक्टर स्प्रेयर की व्यवस्था की जा रही है। इसके अतिरिक्त सभी छोटे स्प्रेयर वाले किसानों को फसलों के बचाव करने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।

 

अधिकारियों ने बताया कि राजनांदगांव जिले में टिड्डी दल के प्रवेश की सम्भावित चेतावनी के अनुसार पेस्टीसाइड और स्प्रेयर की व्यवस्था को लेकर जिले में समन्वय स्थापित करने के लिए निर्देश दिया गया है।

 

उन्होंने बताया कि फसलों को नुकसान पहुचाने वाले टिड्डी दल का प्रकोप राजस्थान होते हुए महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश राज्य तक पहुंच गया है। छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों को देखते हुए केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र के सहायक निदेशक ने सीमावर्ती जिले के कृषि अधिकारियों, कर्मचारियों और किसानों को सचेत रहने के लिए कहा है।

 

अधिकारियों ने बताया कि फसलों और अन्य वृक्षों को टिड्डी दल के प्रकोप से बचाव के लिए किसानों को कीटनाशक मालाथियन, फेनवालरेट, क्विनालफोस, क्लोरोपायरीफोस, डेल्टामेथ्रिन, डिफ्लूबेनजुरान, फिप्रोनिल तथा लामडासाइहलोथ्रिन कीटनाशक का प्रयोग करने का सुझाव दिया गया है।