राज्य समसामियिकी 1 (7-Aug-2020)^हरियाणा परिवार पहचान पत्र (Parivar Pehchan Patra of Haryana)
Posted on August 7th, 2020
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने एक विशिष्ट पहचान पत्र लॉन्च किया जिसे ‘परिवार पहचान पत्र’ (Parivar Pehchan Patra-PPP) कहा जाता है।
इस पहचान पत्र का उद्देश्य हरियाणा में रहने वाले लगभग 54 लाख परिवारों में से प्रत्येक की निगरानी करना है। इसके तहत प्रत्येक परिवार को एक एकल इकाई माना जाएगा और 8 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या आवंटित की जाएगी।हरियाणा सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठाने के लिये प्रत्येक परिवार को ‘परिवार पहचान पत्र पोर्टल’ पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
आधार कार्ड और परिवार पहचान पत्र-
आधार एक इकाई के रूप में सिर्फ एक व्यक्ति का प्रतिनिधित्त्व करता है जबकि PPP एक इकाई के रूप में एक परिवार का प्रतिनिधित्त्व करता है।
क्या PPP लेना अनिवार्य होगा?
हरियाणा के प्रत्येक परिवार के लिये PPP प्राप्त करना अनिवार्य नहीं होगा किंतु सरकारी योजनाओं के तहत लाभ पाने वाले परिवारों के लिये PPP अनिवार्य है।इसके अलावा, जब भी कोई परिवार किसी भी सरकारी योजना का लाभ उठाना चाहता है तो उसे पात्र होने के लिये पहले PPP प्राप्त करना होगा।
हरियाणा के अधिकारियों ने कहा कि आधार कार्ड केंद्र सरकार से संबंधित है इसमें व्यक्तिगत विवरण शामिल किया जाता है किंतु यह एक इकाई के रूप में पूरे परिवार का प्रतिनिधित्त्व नहीं करता है। कुछ परिस्थितियों में, राज्य सरकार के लिये राज्य में रहने वाले सभी परिवारों पर नज़र रखना संभव नहीं हो सकता है। हालाँकि वर्तमान में राशन कार्ड प्रणाली मौजूद है किंतु यह अद्यतन नहीं है और इसमें पर्याप्त पारिवारिक रिकॉर्ड शामिल नहीं हैं।PPP के साथ राज्य सरकार के लिये सभी राज्य निवासियों का एक पूरा डेटाबेस बनाए रखना आसान होगा।शुरुआती तौर पर हरियाणा सरकार ने पहले ही PPP को तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं- वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, दिव्यांग पेंशन और विधवा एवं निराश्रित महिला पेंशन योजना से जोड़ा है।तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश भी एक समान PPP परियोजना को लागू करने की संभावना तलाश रहे हैं।
राज्य समसामियिकी 1 (7-Aug-2020)हरियाणा परिवार पहचान पत्र (Parivar Pehchan Patra of Haryana)
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने एक विशिष्ट पहचान पत्र लॉन्च किया जिसे ‘परिवार पहचान पत्र’ (Parivar Pehchan Patra-PPP) कहा जाता है।
इस पहचान पत्र का उद्देश्य हरियाणा में रहने वाले लगभग 54 लाख परिवारों में से प्रत्येक की निगरानी करना है। इसके तहत प्रत्येक परिवार को एक एकल इकाई माना जाएगा और 8 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या आवंटित की जाएगी।हरियाणा सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठाने के लिये प्रत्येक परिवार को ‘परिवार पहचान पत्र पोर्टल’ पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
आधार कार्ड और परिवार पहचान पत्र-
आधार एक इकाई के रूप में सिर्फ एक व्यक्ति का प्रतिनिधित्त्व करता है जबकि PPP एक इकाई के रूप में एक परिवार का प्रतिनिधित्त्व करता है।
क्या PPP लेना अनिवार्य होगा?
हरियाणा के प्रत्येक परिवार के लिये PPP प्राप्त करना अनिवार्य नहीं होगा किंतु सरकारी योजनाओं के तहत लाभ पाने वाले परिवारों के लिये PPP अनिवार्य है।इसके अलावा, जब भी कोई परिवार किसी भी सरकारी योजना का लाभ उठाना चाहता है तो उसे पात्र होने के लिये पहले PPP प्राप्त करना होगा।
हरियाणा के अधिकारियों ने कहा कि आधार कार्ड केंद्र सरकार से संबंधित है इसमें व्यक्तिगत विवरण शामिल किया जाता है किंतु यह एक इकाई के रूप में पूरे परिवार का प्रतिनिधित्त्व नहीं करता है। कुछ परिस्थितियों में, राज्य सरकार के लिये राज्य में रहने वाले सभी परिवारों पर नज़र रखना संभव नहीं हो सकता है। हालाँकि वर्तमान में राशन कार्ड प्रणाली मौजूद है किंतु यह अद्यतन नहीं है और इसमें पर्याप्त पारिवारिक रिकॉर्ड शामिल नहीं हैं।PPP के साथ राज्य सरकार के लिये सभी राज्य निवासियों का एक पूरा डेटाबेस बनाए रखना आसान होगा।शुरुआती तौर पर हरियाणा सरकार ने पहले ही PPP को तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं- वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, दिव्यांग पेंशन और विधवा एवं निराश्रित महिला पेंशन योजना से जोड़ा है।तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश भी एक समान PPP परियोजना को लागू करने की संभावना तलाश रहे हैं।