अर्थव्यवस्था समसामियिकी 1 (1-Sept-2019)
बैंकों के विलय से नहीं जाएगी किसी की नौकरीः सीतारमण
(No one will lose job due to merger of banks:Sitharaman)

Posted on September 2nd, 2019 | Create PDF File

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रस्तावित विलय से कर्मचारियों की नौकरी जाने के खतरे की चिंता को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि विलय के इन निर्णयों से किसी एक कर्मचारी की भी नौकरी नहीं जाएगी।

 

सीतारमण ने नौकरी जाने के बारे में बैंक यूनियनों की चिंताओं के बारे में संवाददाताओं से कहा, ' यह बिल्कुल तथ्यहीन बात है। मैं इनमें से हर बैंक की सभी यूनियनों एवं लोगों को यह आश्वस्त करना चाहती हूं कि वे शुक्रवार को मेरी कही गयी बात को याद करें। जब हमने बैंकों के विलय की बात की तो मैंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि किसी भी कर्मचारी को नहीं हटाया जाएगा। किसी को भी नहीं।'

 

सीतारमण बैंकों के प्रस्तावित विलय का बैंक के कर्मचारी यूनियनों द्वारा विरोध किये जाने पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रही थीं।

 

निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को दस सरकारी बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की थी। यह निर्णय देश में मजबूत और वैश्विक पैमाने के बड़े बैंक गठित करने के लक्ष्य से किया गया है। उम्मीद है कि विलय के बाद बनने वाले नए बैंक अर्थव्यवस्था की कर्ज की जरूरतों को पूरा करके मजबूती दूर करने तथा भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में अधिक मददगार हो सकेंगे।

 

सीमाशुल्क, माल एवं सेवा कर और आयकर विभाग के अधिकारियों को संबोधित करने के लिए यहां आईं सीतारमण ने कहा कि किसी भी बैंक को बंद नहीं किया जाएगा और किसी भी बैंक को कुछ भी नया करने के लिए नहीं कहा गया है।

 

सीतारमण ने कहा, 'बैंकों को अधिक पूंजी दी जा रही है और वे उन गतिविधियों को जारी रखेंगे जो वे पहले से करते आ रहे हैं।'

 

वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए 23 अगस्त को कुछ उपायों की घोषणा की थी। इन कदमों में उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये डालने की भी घोषणा की थी।

 

सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के दस बड़े बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाने की घोषणा की।

 

इसके मुताबिक पीएनबी में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का एवं इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाना है। विलय के बाद कुल सरकारी बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी।

 

ऑल इंडिया बैंक एम्लॉइज यूनियन ने आरोप लगाया है कि इलाहाबाद बैंक के विलय के बाद इंडियन बैंक बंद हो सकता है। सीतारमण ने इससे जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि विलय के बाद इंडियन बैंक मुख्य बैंक होगा।

 

वित्त मंत्री ने कहा कि जब किसी बैंक को पूंजी मिलती है तो उससे मुख्य कारोबार के विस्तार की उम्मीद की जाती है। बैंक के संदर्भ में इसका है कि वे कंपनियों को आकर्षित करें और उन्हें कर्ज दें।

 

उन्होंने कहा, ' इस इलाके (तमिलनाडु) में दूसरा बैंक है- इंडियन ओवरसीज बैंक। यह बिना विलय के काम करना जारी रखेगा। आपको इस चीज को भी ध्यान में रखना चाहिए।'

 

सीतारमण से पूछा गया कि क्या अर्थव्यवस्था में नरमी आ रही है तो उन्होंने कहा कि सरकार जरूरत के मुताबिक क्षेत्रवार समस्याओं को सुलझाने के कदम उठा रही है।

 

उन्होंने कहा, 'भारतीय अर्थव्यवस्था को कोई भी क्षेत्र अपनी समस्याओं के साथ हमारे पास आता है तो हम उन्हें सुनते हैं और उसके हिसाब से कदम उठाते हैं।'

 

सीतारमण ने कहा कि दो मौकों पर वह क्षेत्र की समस्याओं को सुनने के बाद कदम उठा चुकी हैं और आगे भी ऐसा जारी रहेगा।

 

वित्त मंत्री से वाहन उद्योग द्वारा जीएसटी दर में कमी की मांग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद इस बाबत फैसला करेगी।

 

यह पूछे जाने पर कि जो लोग नौकरी गवां चुके हैं या जिन्हें नौकरी जाने का खतरा है उनको वह क्या कहना चाहेंगी तो वित्त मंत्री का कहना था, ‘मैं केवल यह कह सकती हूं कि हम उद्योग जगत की जरूरतों के हिसाब से कदम उठा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि सरकार यह समझती है कि किसी उद्योग विशेष की समस्याएं और उनका स्वरूप क्या है। वाहन क्षेत्र का मसला अपने किस्म का है, कृषि क्षेत्र के मुद्दे अपने हैं। हर क्षेत्र की अपनी अपनी जरूरत है जिस पर हम कमद उठाना चाहते हैं।