विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी समसामियिकी 1 (17-Feb-2021)^नेट न्यूट्रैलिटी^(Net Neutrality)
Posted on February 17th, 2021
हाल ही में, एक आद्योगिक संस्था, ‘सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (COAI) द्वारा व्हाट्सएप, गूगल डुओ आदि जैसे ओवर-द-टॉप (OTT) सर्विस प्रोवाइडर्स को लाइसेंसिंग व्यवस्था के अधीन लाने तथा ‘एप्स पर ‘समान सेवाओं के लिए समान नियम’ लागू होने तक टेलीकॉम ऑपरेटर्स पर नेट न्यूट्रैलिटी नियमों को आस्थगित करने के लिए सरकार से आग्रह किया गया है।
टेलिकॉम ऑपरेटर्स, सरकार से इस क्षेत्र में बराबर का अवसर प्रदान करने के लिए ‘समान सेवा, समान नियम’ लागू करने के लिए मांग कर रहे हैं। लेकिन, हाल ही में ‘भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण’ (Telecom Regulatory Authority of India-TRAI) ने सिफारिश की थी, कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों में स्पष्टता होने तक कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप पर कोई नियम नहीं लगाए जाने चाहिए।
जब तक ओटीटी संचार प्रदाताओं के लाइसेंस के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया जाता है, तब तक दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (telecom service providers- TSP) और OTT सर्विस प्रोवाइडर्स के बीच असमताओं में किसी भी तरीके से वृद्धि नहीं की जानी चाहिए। अतः तब तक, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) पर नेट न्यूट्रैलिटी के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रैक्टिस सहित कोई भी नई लाइसेंसिंग शर्तें लागू नहीं की जानी चाहिए।
नेट न्यूट्रिलिटी (Net Neutrality) का अर्थ है, कि इसमें सरकारें और इंटरनेट सेवा प्रदाता, इंटरनेट पर सभी डेटा के लिए एक समान व्यवहार करते हैं तथा उपभोक्ताओं से उच्च-गुणवत्ता युक्त सेवा के लिए अथवा कुछ वेबसाइटों को प्राथमिकता देने के लिए भिन्न शुल्क नहीं देना पड़ता है। नेटवर्क न्यूट्रैलिटी के तहत, सभी इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) को पूरे ट्रैफ़िक के लिए समान स्तर की डेटा पहुँच तथा गति प्रदान करना आवश्यक होता है, तथा इसके अलावा, किसी सेवा अथवा वेबसाइट के लिए ट्रैफ़िक को ब्लॉक या कम नहीं किया जा सकता है।
दूरसंचार विभाग द्वारा वर्ष 2018 में अनुमोदित नेट न्यूट्रैलिटी नियमों के तहत, टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को ऑनलाइन सेवाओं तक पहुँच प्रदान करने के लिए उपभोक्ताओं से अलग-अलग शुल्क लेने के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी समसामियिकी 1 (17-Feb-2021)नेट न्यूट्रैलिटी(Net Neutrality)
हाल ही में, एक आद्योगिक संस्था, ‘सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (COAI) द्वारा व्हाट्सएप, गूगल डुओ आदि जैसे ओवर-द-टॉप (OTT) सर्विस प्रोवाइडर्स को लाइसेंसिंग व्यवस्था के अधीन लाने तथा ‘एप्स पर ‘समान सेवाओं के लिए समान नियम’ लागू होने तक टेलीकॉम ऑपरेटर्स पर नेट न्यूट्रैलिटी नियमों को आस्थगित करने के लिए सरकार से आग्रह किया गया है।
टेलिकॉम ऑपरेटर्स, सरकार से इस क्षेत्र में बराबर का अवसर प्रदान करने के लिए ‘समान सेवा, समान नियम’ लागू करने के लिए मांग कर रहे हैं। लेकिन, हाल ही में ‘भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण’ (Telecom Regulatory Authority of India-TRAI) ने सिफारिश की थी, कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों में स्पष्टता होने तक कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप पर कोई नियम नहीं लगाए जाने चाहिए।
जब तक ओटीटी संचार प्रदाताओं के लाइसेंस के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया जाता है, तब तक दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (telecom service providers- TSP) और OTT सर्विस प्रोवाइडर्स के बीच असमताओं में किसी भी तरीके से वृद्धि नहीं की जानी चाहिए। अतः तब तक, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (TSP) पर नेट न्यूट्रैलिटी के लिए ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रैक्टिस सहित कोई भी नई लाइसेंसिंग शर्तें लागू नहीं की जानी चाहिए।
नेट न्यूट्रिलिटी (Net Neutrality) का अर्थ है, कि इसमें सरकारें और इंटरनेट सेवा प्रदाता, इंटरनेट पर सभी डेटा के लिए एक समान व्यवहार करते हैं तथा उपभोक्ताओं से उच्च-गुणवत्ता युक्त सेवा के लिए अथवा कुछ वेबसाइटों को प्राथमिकता देने के लिए भिन्न शुल्क नहीं देना पड़ता है। नेटवर्क न्यूट्रैलिटी के तहत, सभी इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (ISPs) को पूरे ट्रैफ़िक के लिए समान स्तर की डेटा पहुँच तथा गति प्रदान करना आवश्यक होता है, तथा इसके अलावा, किसी सेवा अथवा वेबसाइट के लिए ट्रैफ़िक को ब्लॉक या कम नहीं किया जा सकता है।
दूरसंचार विभाग द्वारा वर्ष 2018 में अनुमोदित नेट न्यूट्रैलिटी नियमों के तहत, टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को ऑनलाइन सेवाओं तक पहुँच प्रदान करने के लिए उपभोक्ताओं से अलग-अलग शुल्क लेने के लिए प्रतिबंधित किया गया है।