अर्थव्यवस्था समसामयिकी 1 (4-July-2019)
जीवन प्रत्याशा में वृद्धि के चलते सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की जरूरत: समीक्षा (Need to increase retirement age due to increase in life expectancy: Economic survey)

Posted on July 4th, 2019 | Create PDF File

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जीवन प्रत्याशा में वृद्धि के चलते ऐसा लगता है कि देश की कामकाजी आबादी की सेवानिवृत्ति आयु को मौजूदा 60 साल से आगे बढ़ाना जरूरी हो गया है। आर्थिक समीक्षा में यह बात कही गई है। 



वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2018-19 पेश की। समीक्षा में कहा गया है कि प्रजनन दर में गिरावट और जीवन प्रत्याशा में वृद्धि की वजह से साल 2031-41 के दौरान भारत की जनसंख्या वृद्धि दर 0.5 प्रतिशत से नीचे रहने की उम्मीद है। 



इसमें कहा गया है कि सेवानिवृत्ति की आयु में वृद्धि संभवत : अनिवार्य है। इसलिए इस बदलाव के पहले ही संकेत दिए जा सकते हैं ताकि श्रमबल इसके लिए तैयार हो सके। 



समीक्षा में जोर दिया गया कि यह पेंशन और अन्य सेवानिवृत्ति प्रावधानों के लिए पहले से तैयारी करने में भी मदद करेगा। 



भारत में पुरुषों और महिलाओं दोनों की जीवन प्रत्याशा में वृद्धि जारी रहने की संभावना को यह देखते हुए पुरुष और महिला दोनों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाई जा सकती है। इसे अन्य देशों के अनुभव के अनुरूप माना जा सकता है। 



बुजुर्ग आबादी बढ़ने और पेंशन वित्तपोषण को लेकर बढ़ते दबाव के कारण कई देशों ने पेंशन योग्य सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ानी शुरू कर दी है। 



आर्थिक समीक्षा में भारत की जनसंख्या पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि आने वाले दो दशकों में देश की जनसंख्या वृद्धि दर में काफी गिरावट होगी। जनसंख्या वृद्धि दर 2021-31 के दौरान एक प्रतिशत से कम और 2031-41 के दौरान 0.5 प्रतिशत से नीचे रहेगी। 



समीक्षा के अनुसार , पूरे देश के लिए युवा आबादी का लाभ मिलेगा , लेकिन कुछ राज्य 2030 तक बुजुर्ग आबादी की ओर बढ़ाना शुरू कर देंगे। 



जनसंख्या में 0-19 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं की संख्या 2011 के उच्चतम स्तर 41 प्रतिशत से घटकर 2041 में 25 प्रतिशत रह जाएगी। 



दूसरी ओर आबादी में 60 वर्ष आयु वर्ग वाले लोगों की संख्या 2011 के 8.6 प्रतिशत से बढ़कर 2041 तक 16 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। कामकाजी आबादी 2021-31 के बीच 97 लाख प्रति वर्ष की दर से बढ़ेगी और 2031-41 के बीच 42 लाख प्रति वर्ष की रफ्तार से बढ़ेगी। 



अगले दो दशकों में देश में जनसंख्या और लोगों की आयु संरचना के पूर्वानुमान नीति - निर्धारकों के लिए स्वास्थ्य सेवा , वृद्धों की देखभाल , स्कूल सुविधाओं , सेवानिवृत्ति से संबंध वित्तीय सेवाएं , पेंशन कोष , आयकर राजस्व , श्रम बल , श्रमिकों की हिस्सेदारी की दर तथा सेवानिवृत्ति की आयु जैसे मुद्दों से जुड़ी नीतियां बनाना एक बड़ा काम होगा।