राज्य समसामियिकी 1 (1-Aug-2019)^केरल में लगाया गया ‘‘बाढ़ उपकर’’ ("Flood Cess" imposed in Kerala)
Posted on August 1st, 2019
केरल सरकार ने राज्य में बीते साल अगस्त में आई बाढ़ की आपदा से हुये नुकसान के बाद पुनर्निर्माण कार्यों के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के मकसद से गुरुवार को वस्तु एवं सेवाकर पर एक फीसदी ‘‘बाढ़ उपकर’’ लगाने का ऐलान किया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य में सत्तारूढ़ माकपा नीत एलडीएफ सरकार का उद्देश्य इस उपकर (केरल बाढ़ सेस) के माध्यम से सालाना 600 करोड़ रूपये का राजस्व एकत्र करना है। यह अगले दो साल तक जारी रहेगा।
इस तरह जो राजस्व एकत्र होगा उसे बाढ़ में नष्ट हुए भवनों को दोबारा बनाने और बाढ़ प्रभावित लोगों को मुआवजा देने में किया जायेगा।
बाढ़ से 300 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग बेघर हो गए थे।
सरकार के इस कदम से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में आने वाली करीब 900 वस्तुएं महंगी हो जायेंगी।
जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में दक्षिणी राज्य को वस्तु एवं सेवाकर पर अपने क्षेत्र में अतिरिक्त उपकर लगाने की इजाजत दी थी।
उधर, व्यापारियों के संगठन केरल व्यापारी व्यवसायी एकोपाना समिति ने इस फैसले के प्रति विरोध जताते हुये गुरूवार को काला दिवस मनाया।
विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने फैसले का विरोध किया।
राज्य समसामियिकी 1 (1-Aug-2019)केरल में लगाया गया ‘‘बाढ़ उपकर’’ ("Flood Cess" imposed in Kerala)
केरल सरकार ने राज्य में बीते साल अगस्त में आई बाढ़ की आपदा से हुये नुकसान के बाद पुनर्निर्माण कार्यों के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के मकसद से गुरुवार को वस्तु एवं सेवाकर पर एक फीसदी ‘‘बाढ़ उपकर’’ लगाने का ऐलान किया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य में सत्तारूढ़ माकपा नीत एलडीएफ सरकार का उद्देश्य इस उपकर (केरल बाढ़ सेस) के माध्यम से सालाना 600 करोड़ रूपये का राजस्व एकत्र करना है। यह अगले दो साल तक जारी रहेगा।
इस तरह जो राजस्व एकत्र होगा उसे बाढ़ में नष्ट हुए भवनों को दोबारा बनाने और बाढ़ प्रभावित लोगों को मुआवजा देने में किया जायेगा।
बाढ़ से 300 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों लोग बेघर हो गए थे।
सरकार के इस कदम से वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में आने वाली करीब 900 वस्तुएं महंगी हो जायेंगी।
जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में दक्षिणी राज्य को वस्तु एवं सेवाकर पर अपने क्षेत्र में अतिरिक्त उपकर लगाने की इजाजत दी थी।
उधर, व्यापारियों के संगठन केरल व्यापारी व्यवसायी एकोपाना समिति ने इस फैसले के प्रति विरोध जताते हुये गुरूवार को काला दिवस मनाया।
विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने फैसले का विरोध किया।