किफायती इलेक्ट्रो-कैटेलिस्ट बनाने के लिए किया जा रहा मछली के गलफड़ों का उपयोग
(Fish gills used to develop efficient low-cost electro-catalysts)

Posted on April 20th, 2020 | Create PDF File

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भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्तशासी संस्थान, इंस्टीच्यूट ऑफ नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएनएसटी), मोहाली हाल ही में मछली के गलफड़ों से निर्मित्त कारगर किफायती इलेक्ट्रो-कैटेलिस्ट लेकर आया है जो पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा रूपांतरण उपकरणों के निर्माण में मदद कर सकता है।

 

यह जैव-प्रेरित कार्बन नैनोस्ट्रक्चर फ्यूल सेल, बायो फ्यूल सेल और मेटल - एयर बैट्री जैसी कई नवीकरणीय ऊर्जा रूपांतरण एवं भंडारण प्रौद्योगिकियों की प्राप्ति में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायक हो सकती है।

 

वर्तमान कार्यनीति निम्न लागत, उच्च सक्षम जैव प्रेरित इलेक्ट्रो-कैटेलिस्ट को संश्लेषित करने का मार्ग समृद्ध करती है जो कार्बन पर कमर्शियल प्लेटिनम (पीटी/सी) कैटेलिस्ट से बेहतर है और इसका उपयोग ऊर्जा रूपांतरण एवं भंडारण अनुप्रयोगों के लिए अगली पीढ़ी के गैर बेशकीमती कार्बन आधारित इलेक्ट्रो-कैटेलिस्ट के लिए किया जा सकता है।

 

ये परिणाम अमेरिकन कैमिकल सोसाइटी द्वारा प्रकाशित जर्नल इनआर्गेनिक कैमिस्ट्री में हाल ही में प्रकाशित किए गए हैं।

 

आईएनएसटी के डा. रामेंद्र सुंदर डे और उनकी टीम ने बाईनरी ट्रांजिशन मेटल्स आयरन (एफई) पर आधारित उच्च सक्रिय ऑक्सीजन रिडक्शन रिएक्शन (ओआरआर) इलेक्ट्रो-कैटेलिस्ट, और पशु अवशिष्ट से प्राप्ति के रूप में मछली के गलफड़ों (एफजी) से उत्पन्न मैगलीन (एमएन) तथा एन-डोप्ड पोरस कार्बन (एफई, एमएन, एन-एफसीजी) की खोज की है जिसमें एक अनूठी छिद्रयुक्त संरचना होती है और यह हीट ट्रीटमेंट के बाद कंडक्टिव कार्बन नेटवर्क्स प्रदान कर सकता है और एक कारगर इलेक्ट्रोड मैटेरियल बन सकता है। यह कैटेलिस्ट पीएच (pH < 1, 7, and >13) के व्यापक रेंज में सक्रिय ऑक्सीजन रिडक्शन रिएक्शन प्रदर्शित करने में सक्षम रहा और इसने कमर्शियल पीटी/सी कैटेलिस्ट से बेहतर प्रदर्शन किया।

 

उन्होंने एक एयर कैथोड के रूप में कैटेलिस्ट के साथ एक होममेड रिचार्जेबल जेडएन-एयर बैट्री (जेडएबी) का निर्माण किया जिसने लंबी अवधि के लिए कठिन साईक्लिंग के बाद लगभग स्थिर चार्ज-डिस्चार्ज वोल्टेज प्लेटियोस प्रदर्शित किया। इसने कमर्शियल पीटी/सी आधारित जेडएबी से बेहतर प्रदर्शन किया। वैज्ञानिकों ने पाया कि इस कैटेलिस्ट के असाधारण प्रदर्शन के पीछे कारण एफई-एमएन आधारित बाईनरी मोईटी की उपस्थिति है जो वास्तव में आक्सीजन (ओ2) बाइंडिंग के लिए लाभदायक है और ऑक्सीजन-ऑक्सीजन बॉन्ड्स को कमजोर करने के जरिये अल्क्लाइन माध्यम में ऑक्सीजन रिडक्शन रिएक्शन (ओआरआर) कैटेलिक निष्पादन को बढ़ावा देता है।

 

शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि सिंथेसिस प्रोटोकाल की इंजीनियरिंग के साथ मिलकर ट्रांजिशन मेटल्स एवं हेटेरोएटम्स का सावधानीपूर्वक चयन कारगर एवं पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा रूपांतरण उपकरणों के लिए उच्च सक्रिय निम्न लागत इलेक्ट्रो-कैटेलिस्ट की खोज के लिए एक नया रास्ता प्रशस्त कर सकता है।