कोरोना वायरस का बढ़ता ख़तरा, बचाव के उपाय
(Increased risk of corona virus, Preventive measures)

Posted on March 3rd, 2020 | Create PDF File

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*सांसों की तकलीफ़ बढ़ाने वाले इस वायरस की पहचान वुहान शहर में पहली बार हुई। तेज़ी से फैलने वाला ये संक्रमण निमोनिया जैसे लक्षण पैदा करता है।

*कोरोनावायरस अब चीन में उतनी तेज़ी से नहीं बढ़ रहा जितना दूसरे देशों में फैल रहा है, ये वायरस अब तक 60 से ज़्यादा देशों में फैल चुका है।

*भारत में दिल्ली और तेलंगाना में भी इसके दो मामले सामने आए हैं, इस संक्रमण के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए सावधानी बरतने की ज़रूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके।

*विश्व स्वास्थ्य संगठन, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड और नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से प्राप्त सूचना के आधार पर आगे आपको कोरोना वायरस से बचाव के तरीके बताए जा रहे हैं।

 

कोरोना वायरस के लक्षण-

*कोरोना वायरस बेहद आम होते हैं।इसके शुरुआती लक्षणों से अंदाजा लगाया जा सकता है, सांस लेने में थोड़ी तकलीफ़, खांसी या फिर बहती हुई नाक। लेकिन कोरोना परिवार के कुछ वायरस बेहद ख़तरनाक़ होते हैं जैसे सार्स (सिवियर एक्यूट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) और मर्स (मिडल ईस्ट रेसपिरेटरी सिंड्रोम)।

*वुहान से शुरू हुई इस महामारी के लिए जिम्मेदार विषाणु को नॉवेल कोरोना वायरस या nCoV का नाम दिया गया है।मालूम पड़ता है कि ये कोरोना परिवार की एक नई नस्ल है जिसकी पहचान अभी तक इंसानों में नहीं हो पाई थी।

*कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में ऐसा लगता है कि इसकी शुरुआत बुखार से होती है और फिर उसके बाद सूखी खांसी का हमला होता है। हफ़्ते भर तक ऐसी ही स्थिति रही तो सांस की तकलीफ़ शुरू हो जाती है।

*लेकिन गंभीर मामलों में ये संक्रमण निमोनिया या सार्स बन जाता है, किडनी फेल होने की स्थिति बन जाती है और मरीज़ की मौत तक हो सकती है। कोरोना के ज़्यादातर मरीज़ उम्रदराज़ लोग हैं, ख़ासकर वो जो पहले से ही पार्किंसन या डायबिटिज़ जैसी बीमारियों से जूझ रहे हों।

*लंदन स्कूल ऑफ़ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसीन के डायरेक्टर प्रोफ़ेसर पीटर पियोट कहते हैं, "अच्छी ख़बर ये है कि कोरोना सार्स विषाणु की तुलना में कम जानलेवा है. अतीत की तुलना में वैश्विक स्तर पर सूचना का ज़्यादा और बेहतर आदान-प्रदान हो रहा है. ये अहम है क्योंकि एक संभावित महामारी से कोई देश अकेले नहीं लड़ सकता है।"

*इस संक्रमण से निजात पाने के लिए फिलहाल कोई ख़ास इलाज नहीं है। डॉक्टर संक्रमित मरीज़ों का इलाज फिलहाल उनके लक्षण के आधार पर ही कर रहे हैं।

 

संक्रमण से कैसे बचें-

 

*विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रभावित इलाके लोगों को पहले से निर्धारित सामान्य एहतियाती उपाय बरतने की सलाह दी है ताकि संक्रमण के ख़तरे को कम किया जा सके।

*इन उपायों में हाथ साफ़ रखना, मास्क पहनना और खान-पान की सलाह शामिल है।

*सांसों की किसी तकलीफ़ से संक्रमित मरीज़ों के क़रीब जाने से लोगों को बचने की सलाह दी गई है।

*नियमित रूप से हाथ साफ़ करते रहें, ख़ासकर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के फौरन बाद, पालतू या जंगली जानवरों से दूर रहने की सलाह भी दी गई है।

*कच्चा या अधपका मांस खाने से मना भी किया गया है

*कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को छींक आने की सूरत में सामने खड़े लोगों को बचाने की सलाह दी गई है, जैसे नाक पर कपड़ा या टिशू रखना, सामने खड़े व्यक्ति से फासला बनाकर रखना, नियमित रूप से साफ़ सफ़ाई जैसे एहतियात बरतने की उम्मीद की जाती है।

*विश्व स्वास्थ्य संगठन को ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिनमें क़रीब के लोगों के संक्रमित होने के मामलों की पुष्टि हुई है, इसकी वजह ये भी है कि परिवार में एक व्यक्ति के संक्रमित होने की सूरत में दूसरा उसकी देखभाल करने लगता है। 

 

 

 

अगर कोई संक्रमित हो जाए तो-

 

*वर्तमान में कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसमें बीमारी के लक्षण कम होने वाली दवाइयां दी जा सकती हैं। 

*जब तक आप ठीक न हो जाएं, तब तक आपको दूसरों से अलग रहना होगा। 

 

14 दिनों तक ऐसा करते रहें ताकि संक्रमण का ख़तरा कम हो सके.

*कोरोना वायरस के इलाज़ के लिए वैक्सीन विकसित करने पर काम चल रहा है, उम्मीद है कि साल के अंत तक इंसानों पर इसका परीक्षण कर लिया जाएगा। 

*कुछ अस्पताल एंटी-वायरल दवाओं का भी परीक्षण कर रहे हैं। 

*चीन की सरकार ने कोरोना वायरस की महामारी को वही दर्ज़ा दिया है जो अतीत में सार्स की महामारी के समय दिया गया था।  इसका मतलब ये हुआ कि देश में जिस किसी की भी इससे संक्रमित होने की पुष्टि होगी, उसे अलग-थलग रखा जाएगा। 

*विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अस्पतालों, डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए विशेष सलाह जारी की है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि संक्रमित मरीज़ों की फौरन जांच की जानी चाहिए। संक्रमण को देखते हुए मरीज़ को हल्का, मध्यम या गंभीर स्थिति के वर्ग में रखा जाए। 

*स्वास्थ्य कर्मी खुद संक्रमण का शिकार न हो, इसके लिए सभी एहतियाती उपाय किए जाएं।  गाउन, मास्क, दस्तानों के इस्तेमाल के अलावा अस्तपाल में संक्रमित मरीज़ों की गतिविधि पर नियंत्रण करने की भी सलाह दी गई है। 

 

ख़ुद को अकेले कैसे रखें-

अगर आप संक्रमित इलाक़े से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जा सकती है. ऐसे में ये तरीके अपनाएं -

*घर पर रहें

*ऑफ़िस, स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर न जाएं

*सार्वजनिक वाहन जैसे बस, ट्रेन, ऑटो या टैक्सी से यात्रा न करें

*घर में मेहमानों को न बुलाएं

*कोशिश करें कि घर का सामान किसी और से मंगाएं

*अगर आप और भी लोगों के साथ रह रहे हैं तो ज़्यादा सतर्कता बरतें

*अलग कमरे में रहें और साझा रसोई व बाथरूम को लगातार साफ़ करें