(द हिंदू से)पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामियिकी 1 (29-Mar-2019)
वायनाड में 4 इकोटूरिज़्म केंद्रों में पर्यटकों का प्रवेश बंद ( Entry closes in four ecotourism centers in Wayanad)

Posted on March 29th, 2019 | Create PDF File

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हाल ही में केरल उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार, वायनाड ज़िले में दक्षिण वायनाड वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाले चार प्रमुख इकोटूरिज़्म (पर्यावरण पर्यटन) केंद्रों में पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है।अदालत ने 21 मार्च को एक पर्यावरण संगठन ‘वायनाड प्रकृति संरक्षा समिति’ द्वारा दायर याचिका पर वन प्रभाग में सभी ईकोटूरिज़्म गतिविधियों पर अंतरिम रोक जारी की।

 


अदालत के निर्देशानुसार बंद किये गए प्रमुख इकोटूरिज़्म पर्यटन केंद्र निम्नलिखित है:


1.मेप्पदी वन श्रेणी के अंतर्गत सोचीपारा जलप्रपात

2.चेथलायथ वन रेंज के अंतर्गत कबानी पर कुरुवा द्वीप

3.मेप्पदी वन रेंज के अंतर्गत चेम्बरा शिखर

4.कालपेट्टा वन रेंज के तहत पदिन्हारेथरा (Padinharethara) में मीनमुट्टी शिखर


सोचीपारा जलप्रपात और कुरुवा द्वीपों में पर्यटकों के प्रवेश को हाल ही में बंद किया गया, जबकि चेम्बरा शिखर और मीनमुट्टी जलप्रपात को जनवरी 2019 के मध्य से ही जंगल की आग के जोखिम के कारण बंद किया गया था।



केरल प्रांत पर्यटन के लिये बहुत लोकप्रिय स्थान है, इसीलिये इसे 'God's Own Country' अर्थात् 'ईश्वर का अपना घर' नाम से पुकारा जाता है।यहाँ अनेक प्रकार के दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें प्रमुख हैं - पर्वतीय तराई क्षेत्र, समुद्र तटीय क्षेत्र, वन क्षेत्र, तीर्थाटन केंद्र आदि। इन स्थानों पर देश-विदेश से असंख्य पर्यटक भ्रमणार्थ आते हैं।पर्वतीय क्षेत्र, समुद्री तट, वन्य पशु केंद्र, कोल्लम, झीलें, जलप्रपात, पर्वत शिखर आदि पर्यटकों के लिये विशेष आकर्षण के केंद्र हैं।भारतीय चिकित्सा पद्धति (आयुर्वेद) का पर्यटन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान है।राज्य की अर्थव्यवस्था में भी पर्यटन क्षेत्र का प्रमुख योगदान है।

पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिये केरल राज्य सरकार का पर्यटन विभाग अत्यधिक सक्रिय है।विभाग द्वारा पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिये प्रचार-प्रसार, बुनियादी सुविधाओं का विकास आदि कार्य किये जाते हैं।राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा के लिये आवश्यक प्राकृतिक संतुलन तथा सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखते हुए 'दायित्वपूर्ण पर्यटन विकास' की नीति अपनाई गई है।

पर्यटन क्षेत्र में केरल की उपलब्धियाँ काफी प्रशंसनीय रही हैं।इस क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास के कारण राज्य को अनेक राष्ट्रीय - अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।पिछले दस वर्षों में वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक पर्यटकों के आगमन तथा अधिक विदेशी मुद्रा प्राप्ति और पर्यटन विकास में केरल का स्थान सर्वोपरि रहा।

 

इकोटूरिज़्म-


पर्यावरण पर्यटन का अर्थ है वातावरण की दृष्टि से धारणीय पर्यटन जिसमें प्रमुख रूप से उन प्राकृतिक क्षेत्रों का अनुभव प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है जो पर्यावरणीय और सांस्कृतिक समझ-बूझ, मूल्यांकन और संरक्षण को बढ़ावा देते हैं।पर्यावरण पर्यटन का आशय यह है कि पर्यटन का प्रबंधन तथा प्रकृति का संरक्षण इस तरीके से किया जाए ताकि पर्यटन व पारिस्थितिकी के साथ-साथ रोज़गार की भी पूर्ति होती रहे।