81वां संशोधन अधिनियम, 2000 (eighty-first Constitutional Amendment, 2000)

Posted on May 18th, 2022 | Create PDF File

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81वां संविधान संशोधन के माध्यम से संविधान के संशोधित प्रावधान-

 

राज्य को शक्ति प्रदान की गई कि किसी वर्ष में भरी न जा सकी आरक्षित श्रेणी की रिक्तियों को  अन्य अनुवर्ती वर्ष या वर्षों के दौरान भरी जाने वाली रिक्तियों की पृथक श्रेणी माना जाए। ऐसी रिक्तियों को उस वर्ष की रिक्तियों में न मिलाया जाए जिस वर्ष वे भरी जाएं और उन्हें उस वर्ष की  कुल रिक्तियों में 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा में सम्मिलित न माना जाए। दूसरे शब्दों में इस संशोधन  ने बैकलॉग रिक्तियों के मामले में 50 प्रतिशत तक की आरक्षण की सीमा को समाप्त कर दिया।