86वां संशोधन अधिनियम, 2002 (Eighty-sixth Constitutional Amendment, 2002)
Posted on May 18th, 2022
86वां संविधान संशोधन के माध्यम से संविधान के संशोधित प्रावधान-
1.प्रारम्भिक शिक्षा को मूल अधिकार बनाया गया। नए अनुच्छेद 21क में घोषणा की गई कि 'राज्यों को 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए।'
2.निदेशक तत्वों के मामले में अनुच्छेद 45 की विषय-वस्तु बदली गई.राज्य सभी बालकों को चौदह वर्ष की आयु पूरी जाने तक निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने के लिए उपबंध करने का प्रयास करेगा।'
3.अनुच्छेद 51क के तहत एक नया मूल कर्तव्य जोड़ा गया जिसे पढ़ा गया, "यह हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह अपने बच्चे को चाहे वह उसके माता-पिता हो या अभिभावक 6 और 14 वर्ष की उम्र तक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराए।"
86वां संशोधन अधिनियम, 2002 (Eighty-sixth Constitutional Amendment, 2002)
86वां संविधान संशोधन के माध्यम से संविधान के संशोधित प्रावधान-
1.प्रारम्भिक शिक्षा को मूल अधिकार बनाया गया। नए अनुच्छेद 21क में घोषणा की गई कि 'राज्यों को 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए।'
2.निदेशक तत्वों के मामले में अनुच्छेद 45 की विषय-वस्तु बदली गई.राज्य सभी बालकों को चौदह वर्ष की आयु पूरी जाने तक निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने के लिए उपबंध करने का प्रयास करेगा।'
3.अनुच्छेद 51क के तहत एक नया मूल कर्तव्य जोड़ा गया जिसे पढ़ा गया, "यह हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह अपने बच्चे को चाहे वह उसके माता-पिता हो या अभिभावक 6 और 14 वर्ष की उम्र तक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराए।"