15वां संशोधन अधिनियम, 1963 (fifteenth Constitutional Amendment, 1963)
Posted on May 13th, 2022
15वां संविधान संशोधन के माध्यम से संविधान के संशोधित प्रावधान-
1.उच्च न्यायालय को किसी व्यक्ति या प्राधिकरण के खिलाफ। राज्यों के बाहर भी दायर करने का अधिकार रिट। यदि इसका कारण उसके क्षेत्राधिकार में उत्पन्न हुआ हो।
2.उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष।
3.उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की उसी उच्च न्यायालय में कार्यकारी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की व्यवस्था।
4.एक उच्च न्यायालय से दूसरे में स्थानांतरण पर न्यायाधीशों को क्षतिपूरक भत्तों का भुगतान।
5.उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की उच्चतम न्यायालय में अस्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की व्यवस्था।
6.उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की उम्र के निर्धारण हेतु प्रक्रिया की व्यवस्था।
15वां संशोधन अधिनियम, 1963 (fifteenth Constitutional Amendment, 1963)
15वां संविधान संशोधन के माध्यम से संविधान के संशोधित प्रावधान-
1.उच्च न्यायालय को किसी व्यक्ति या प्राधिकरण के खिलाफ। राज्यों के बाहर भी दायर करने का अधिकार रिट। यदि इसका कारण उसके क्षेत्राधिकार में उत्पन्न हुआ हो।
2.उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष।
3.उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की उसी उच्च न्यायालय में कार्यकारी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की व्यवस्था।
4.एक उच्च न्यायालय से दूसरे में स्थानांतरण पर न्यायाधीशों को क्षतिपूरक भत्तों का भुगतान।
5.उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की उच्चतम न्यायालय में अस्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की व्यवस्था।
6.उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की उम्र के निर्धारण हेतु प्रक्रिया की व्यवस्था।