अर्थव्यवस्था समसामियिकी 3 (29-Nov-2020)
अंडमान निकोबार द्वीपसमूह को पूर्णतः नवीकरणीय ऊर्जा से चलाने का प्रयास
(Efforts to run the Andaman and Nicobar Islands with full renewable energy)

Posted on November 29th, 2020 | Create PDF File

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भारत सरकार के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने के तत्वावधान में इस बात का प्रयास किया जा रहा है कि अंडमान निकोबार द्वीपसमूह की सभी ऊर्जा जरूरतें हरित ऊर्जा अथवा नवीकरणीय ऊर्जा से पूरी हों। हाल ही में आयोजित हुए तीसरे री इन्वेस्ट कॉन्फ्रेंस में सरकार की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई है कि अंडमान निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप को पूर्ण रूप से हरित ऊर्जा क्षेत्र बनाने के लिए लक्ष्य तय किया गया है। भारत ने अपने राज्यों , केंद्रशासित क्षेत्रों और द्वीपों के साथ ही पड़ोसी देशों को भी हरित ऊर्जा के संबंध में सहयोग देने की बात की है । भारत ने 1,36,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित की है और जिसके साथ 57,000 मेगावॉट अतिरिक्त क्षमता भी तैयार की जा रही है। अब भारत का लक्ष्य 2030 तक 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करना है।

 

भारत नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में विश्व में चौथे स्थान पर पहुंच गया है और दुनिया के सबसे तेज नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन वाले देशों में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। भारत की नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता वर्तमान में बढ़ते हुए 136 गीगावॉट हो गई है जो कि हमारे कुल ऊर्जा क्षमता का 36 प्रतिशत है। 2022 तक, अक्षय क्षमता का हिस्सा बढ़कर 220 गीगा वॉट हो जाएगा।

 

भारत की वार्षिक नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2017 से कोयला आधारित तापीय विद्युत उत्पादन के समान बढ़ रही है। बीते 6 वर्षों में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में ढाई गुना की वृद्धि हुई है। बीते 6 वर्षों के दौरान स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता 13 गुना बढ़ गई है। भारत लगातार नवीनीकरणीय क्षेत्र में निवेश का पसंदीदा स्थल बनता जा रहा है। पिछले 6 वर्षों के दौरान भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 5 लाख करोड़ रुपये यानि 64 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया गया है। इन सबके साथ ही भारत को नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने का प्रयास जारी हैं।

 

जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के तहत भारत की ओर से व्यक्त की गई प्रतिबद्धताओं के रूप में, भारत ने 2030 तक देश में स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त करने और 2030 तक उत्सर्जन की जीडीपी तीव्रता क्षमता को 2005 के स्तर से 33-35 प्रतिशत तक कम करने का संकल्प लिया है।

 

भारत ने वर्ष 2015 में फैसला किया था कि वर्ष 2022 तक 175 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित कर ली जाएगी। इसमें सौर ऊर्जा का हिस्सा 100 गीगावॉट, पवन ऊर्जा का 60 गीगावॉट, बायोमास का 10 गीगावाट और पन बिजली का 5 गीगावाट होगा। नवीकरणीय ऊर्जा का उच्च क्षमता लक्ष्य बड़े स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, बेहतर ऊर्जा उपलब्धता तथा रोजगार के बढ़ते अवसर सुनिश्चित करेगा।