राष्ट्रीय समसामयिकी 3 (14-Apr-2021)
ई-सांता
(e–SANTA)

Posted on April 14th, 2021 | Create PDF File

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हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने जल कृषकों और खरीदारों (aqua farmers and buyers) को जोड़ने को लेकर एक मंच प्रदान करने हेतु इलेक्ट्रॉनिक मार्केटप्लेस ई-सांता (e-SANTA) की शुरुआत की है।

 

इलेक्ट्रॉनिक मार्केटप्लेस ई-सांता (e-SANTA)

भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने हाल ही में एक इलेक्ट्रॉनिक मार्केटप्लेस ई-सांता (e-SANTA) की शुरुआत की है।

 

यह जल कृषकों और खरीदारों (aqua farmers and buyers) को जोड़ने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा। वहीं यह किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।

 

इसके अलावा, इस पोर्टल से निर्यातक सीधे किसानों से गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की खरीद कर सकेंगे, जिससे किसानों को अपने उत्पादों के बेहतर दाम मिल सकेंगे।

 

ई-सांता(e-SANTA) टर्म वेबपोर्टल के लिए तैयार किया गया, जिसका अर्थ इलेक्ट्रॉनिक सॉल्यूशन फॉर ऑग्मेंटिंग एनएसीएसए फार्मर्स ट्रेड इन एक्वाकल्चर(Electronic Solution for Augmenting NaCSA farmers' Trade in Aquaculture) है।

 

गौरतलब है कि नेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल एक्वाकल्चर (National Centre for Sustainable Aquaculture - NaCSA), भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Marine Products Export Development Authority - MPEDA) की एक विस्तारित शाखा है।

 

इलेक्ट्रॉनिक मार्केटप्लेस ई-सांता (e-SANTA) के लाभ व संभावनाएं

ई-सांता देश के जल कृषकों की आय, जीवनशैली, आत्मनिर्भरता, उत्पाद गुणवत्ता आदि को नए विकल्प प्रदान करेगा।

 

यह मंच मौखिक माध्यम से किए जाने वाली व्यापार के पारंपरिक तरीके को बदलकर अधिक औपचारिक एवं कानूनी रूप से बाध्यकारी बना देगा।

 

ई-सांता जलीय किसानों (मछुआरों आदि) के जीवन और आय को निम्नलिख तरीके से बढ़ाएगा :

जोखिम कम करके

 

उत्पादों और बाजारों के बारे में जागरूकता

 

आय में बढ़ोतरी

 

गलत कामों के खिलाफ रोक

 

प्रक्रियाओं में आसानी

 

ई-सांता बाजार विभाजन को समाप्त करने के लिए एक डिजिटल ब्रिज है और यह बिचौलियों को खत्म करके किसानों एवं खरीदारों के बीच एक वैकल्पिक विपणन उपकरण के रूप में काम करेगा।

 

यह किसानों और निर्यातकों के बीच नकदी रहित, संपर्क सहित और पेपरलेस इलेक्ट्रॉनिक ट्रेड प्लेटफॉर्म प्रदान करके पारंपरिक जलीय कृषि में क्रांति लाएगा।

 

ई-सांता सामूहिक रूप से उत्पादों को खरीदने वाले, मछुआरों एवं मत्स्य उत्पादक संगठनों को एक साथ लाने का एक माध्यम बन सकता है और इससे भारत एवं विश्व के लोग ये जान सकते हैं कि भारतीय जलीय किसानों के पास कौन से उत्पाद उपलब्ध हैं?

 

यह भविष्य में एक नीलामी मंच भी बन सकता है।

 

यह मंच कई भाषाओं में उपलब्ध है, जो स्थानीय आबादी की मदद करेगा।