अन्तर्राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (21-Oct-2020)
लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में भटक कर एलएसी के इस पार आए सैनिक को चीन को सौंपा गया
(Chinese soldier who strayed across LAC handed over to Beijing)

Posted on October 21st, 2020 | Create PDF File

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पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में सोमवार को भारतीय सेना द्वारा पकड़े गये चीनी सैनिक को चीन को सौंप दिया गया। 

 

पूर्वी लद्दाख में चुशुल-मोल्दो सीमा बिंदु पर कॉरपोरल वांग या लॉन्ग को चीनी सेना को सौंप दिया गया।

 

उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में पकड़े गए एक चीनी सैनिक को बुधवार को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को सौंप दिया ।

 

भारतीय सेना ने सोमवार को एक बयान में कहा था कि डेमचोक सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के इस पार एक चीनी सैनिक को पकड़ा गया है। पकड़े गए सैनिक की पहचान चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कॉरपोरल वांग या लॉन्ग के रूप में हुई है और औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उन्हें चुशुल-मोल्दो सीमा पर चीनी सेना को सौंप दिया जाएगा।

 

बीजिंग में चीनी रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, ‘‘चीन और भारत के बीच प्रासंगिक समझौते के अनुसार, रविवार को चीन-भारत सीमा के पास लापता हुए याक को खोजने में स्थानीय चरवाहों की मदद करते हुए गायब हुए चीनी पीएलए सैनिक को भारतीय सेना ने चीनी सीमा पर तैनात सैनिकों को 21 अक्टूबर, 2020 को तड़के सौंप दिया।’’ यह घटना ऐसे समय में हुई है जब मई में शुरू हुए सीमा गतिरोध के बाद से ही दोनों सेनाओं ने क्षेत्र में सैनिकों की भारी तैनाती कर रखी है।

 

पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता, वरिष्ठ कर्नल झांग शुइली ने सोमवार रात एक बयान में कहा था, "चीन को उम्मीद है कि भारत 18 अक्टूबर की शाम को चीन-भारत सीमा क्षेत्रों में लापता हुए चीनी सैनिक को जल्द ही सौंप देगा।"

 

भारतीय और चीन, दोनों सेनाओं ने डेमचोक सेक्टर समेत पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास अपने 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है।

 

इस बीच, भारत और चीन इस हफ्ते के अंत में पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पर अपनी चर्चा को आगे बढ़ाने पर ध्यान देने के साथ कोर कमांडर-स्तरीय सैन्य वार्ता का एक और दौर आयोजित करने की तैयारी कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने अब तक सीमा गतिरोध पर उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के सात दौर आयोजित किए हैं।

 

सातवें दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी।

 

अब तक टकराव स्थलों से सैनिकों को पीछे हटाने के मुद्दे पर कोई सफलता नहीं मिली है।