राज्य समसामियिकी 2 (9-Aug-2020)^छत्तीसगढ़ सरकार ने तेंदू पत्ता संग्राहकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना का किया शुभारंभ^(Chhattisgarh government inaugurates social security scheme for tendu leaf collectors)
Posted on August 9th, 2020
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना "शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संघर्ष समाज सुरक्षा योजना" की शुरूआत की गई है। तेंदू के पत्ते, बीड़ी बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली (बीड़ी पर लपेटी हुई पत्ती) राज्य के वनवासियों द्वारा एकत्र की जाती है और जिसे बाद राज्य सरकार द्वारा खरीदा जाता है। कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के नाम पर तैयार की गई इस योजना का उद्घाटन उनकी जयंती के अवसर पर किया गया।
महेंद्र कर्मा, जिन्हें नक्सलियों के खिलाफ अपने कड़े रुख के लिए बस्तर टाइगर के नाम से जाना जाता था, वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित उन 29 लोगों में शामिल थे, जिनकी 25 मई, 2013 को बस्तर जिले के झीरम घाटी में नक्सलियों द्वारा किए एक हमले में हत्या कर दी गई थी।
इस योजना के तहत, राज्य के वन विभाग और छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज महासंघ द्वारा संयुक्त रूप से निष्पादित किए जाने के लिए, पंजीकृत तेंदू कलेक्टरों के परिवार को उनके मुखिया की सामान्य मृत्यु (यदि परिवार के मुखिया की आयु 50 वर्ष से अधिक नहीं है) हो जाने पर नॉमिनी अथवा वारिस को 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।साथ ही दुर्घटना के कारण मृत्यु होने पर, 2 लाख रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जबकि दुर्घटना के कारण स्थायी विकलांगता की स्थिति में, 2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 1 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। यदि किसी परिवार के मुखिया की उम्र 50 से 59 वर्ष के बीच है, और उसकी सामान्य मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिजनों या नामांकित व्यक्ति को 30,000 रुपये की वित्तीय सहायता, जबकि आकस्मिक मृत्यु के मामले में 75,000 रुपये वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।इसी तरह इस श्रेणी में दुर्घटना में परिवार के मुखिया के स्थायी विकलांगता की स्थिति में 75,000 रुपये और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 37,500 रुपये दिए जाएंगे.वरिष्ट नेता के नाम पर शुरू की गई इस योजना से तेंदू पत्ते के संग्रह में शामिल लगभग 12.50 लाख परिवारों को लाभ मिलेगा।
राज्य समसामियिकी 2 (9-Aug-2020)छत्तीसगढ़ सरकार ने तेंदू पत्ता संग्राहकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना का किया शुभारंभ(Chhattisgarh government inaugurates social security scheme for tendu leaf collectors)
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना "शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संघर्ष समाज सुरक्षा योजना" की शुरूआत की गई है। तेंदू के पत्ते, बीड़ी बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली (बीड़ी पर लपेटी हुई पत्ती) राज्य के वनवासियों द्वारा एकत्र की जाती है और जिसे बाद राज्य सरकार द्वारा खरीदा जाता है। कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के नाम पर तैयार की गई इस योजना का उद्घाटन उनकी जयंती के अवसर पर किया गया।
महेंद्र कर्मा, जिन्हें नक्सलियों के खिलाफ अपने कड़े रुख के लिए बस्तर टाइगर के नाम से जाना जाता था, वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित उन 29 लोगों में शामिल थे, जिनकी 25 मई, 2013 को बस्तर जिले के झीरम घाटी में नक्सलियों द्वारा किए एक हमले में हत्या कर दी गई थी।
इस योजना के तहत, राज्य के वन विभाग और छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज महासंघ द्वारा संयुक्त रूप से निष्पादित किए जाने के लिए, पंजीकृत तेंदू कलेक्टरों के परिवार को उनके मुखिया की सामान्य मृत्यु (यदि परिवार के मुखिया की आयु 50 वर्ष से अधिक नहीं है) हो जाने पर नॉमिनी अथवा वारिस को 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।साथ ही दुर्घटना के कारण मृत्यु होने पर, 2 लाख रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जबकि दुर्घटना के कारण स्थायी विकलांगता की स्थिति में, 2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 1 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। यदि किसी परिवार के मुखिया की उम्र 50 से 59 वर्ष के बीच है, और उसकी सामान्य मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिजनों या नामांकित व्यक्ति को 30,000 रुपये की वित्तीय सहायता, जबकि आकस्मिक मृत्यु के मामले में 75,000 रुपये वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।इसी तरह इस श्रेणी में दुर्घटना में परिवार के मुखिया के स्थायी विकलांगता की स्थिति में 75,000 रुपये और आंशिक विकलांगता की स्थिति में 37,500 रुपये दिए जाएंगे.वरिष्ट नेता के नाम पर शुरू की गई इस योजना से तेंदू पत्ते के संग्रह में शामिल लगभग 12.50 लाख परिवारों को लाभ मिलेगा।