अर्थव्यवस्था समसामियिकी 1 (9-July-2020)^भेल ने रेलवे के लिये मध्यप्रदेश में तैयार किया सौर ऊर्जा संयंत्र^(BHEL commissions Solar PV Plant in Madhya Pradesh for Indian Railways)
Posted on July 9th, 2020
सरकारी इंजीनियरिंग कंपनी भेल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने भारतीय रेलवे के लिये मध्य प्रदेश के बीना में 1.7 मेगावाट का सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) संयंत्र तैयार किया है।
भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने एक बयान में कहा कि यह संयंत्र सीधे भारतीय रेलवे के ट्रैक्शन प्रणाली को बिजली देगा। यह परियोजना सौर ऊर्जा के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, क्योंकि यह पहली बार है कि सौर ऊर्जा का उपयोग ट्रैक्शन प्रणाली के लिये सीधे किया जा रहा है।
यह भारतीय रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर विकसित की गई एक प्रायोगिक परियोजना है।
कंपनी ने कहा कि डिजाइन और इंजीनियरिंग की अवधारणा डेढ़ महीने से भी कम समय में पूरी हो गयी। इस परियोजना को केवल साढ़े चार महीने में भेल द्वारा स्थापित और चालू किया गया है।
बयान के मुताबिक इस परियोजना में भेल ने भारतीय रेलवे द्वारा उपलब्ध कराये गये इनपुट के आधार पर डिजाइन, इंजीनियरिंग, निर्माण, आपूर्ति, निर्माण, परीक्षण, कमीशन और ओ एंड एम का काम पूरा किया। आर एंड डी, विकास और विनिर्माण पूरी तरह से भेल के बेंगलुरू, हैदराबाद, झांसी और भोपाल स्थित संयंत्रों में किया गया। पीवी प्लांट, एससीएडीए सिस्टम और एचटी स्विचगियर जैसे सोलर प्लांट उपकरणों की आपूर्ति भेल की बेंगलुरू और भोपाल में स्थित निर्माण इकाइयों द्वारा की गयी।
अर्थव्यवस्था समसामियिकी 1 (9-July-2020)भेल ने रेलवे के लिये मध्यप्रदेश में तैयार किया सौर ऊर्जा संयंत्र(BHEL commissions Solar PV Plant in Madhya Pradesh for Indian Railways)
सरकारी इंजीनियरिंग कंपनी भेल ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने भारतीय रेलवे के लिये मध्य प्रदेश के बीना में 1.7 मेगावाट का सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) संयंत्र तैयार किया है।
भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) ने एक बयान में कहा कि यह संयंत्र सीधे भारतीय रेलवे के ट्रैक्शन प्रणाली को बिजली देगा। यह परियोजना सौर ऊर्जा के इतिहास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, क्योंकि यह पहली बार है कि सौर ऊर्जा का उपयोग ट्रैक्शन प्रणाली के लिये सीधे किया जा रहा है।
यह भारतीय रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर विकसित की गई एक प्रायोगिक परियोजना है।
कंपनी ने कहा कि डिजाइन और इंजीनियरिंग की अवधारणा डेढ़ महीने से भी कम समय में पूरी हो गयी। इस परियोजना को केवल साढ़े चार महीने में भेल द्वारा स्थापित और चालू किया गया है।
बयान के मुताबिक इस परियोजना में भेल ने भारतीय रेलवे द्वारा उपलब्ध कराये गये इनपुट के आधार पर डिजाइन, इंजीनियरिंग, निर्माण, आपूर्ति, निर्माण, परीक्षण, कमीशन और ओ एंड एम का काम पूरा किया। आर एंड डी, विकास और विनिर्माण पूरी तरह से भेल के बेंगलुरू, हैदराबाद, झांसी और भोपाल स्थित संयंत्रों में किया गया। पीवी प्लांट, एससीएडीए सिस्टम और एचटी स्विचगियर जैसे सोलर प्लांट उपकरणों की आपूर्ति भेल की बेंगलुरू और भोपाल में स्थित निर्माण इकाइयों द्वारा की गयी।