राष्ट्रीय समसामयिकी 4 (22-January-2022)
रूफटॉप सौर योजना
(Rooftop solar scheme)

Posted on January 23rd, 2022 | Create PDF File

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नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा परिवारों के लिए अपने घरों में ‘रूफटॉप सोलर पैनल’ स्वयं से अथवा अपनी पसंद के किसी भी विक्रेता से लगवाने की अनुमति प्रदान की गयी है।

 

‘रूफटॉप सौर योजना’ (Rooftop solar scheme) के तहत लाभ या सब्सिडी प्राप्त करने के लिए ‘लगाए गए सिस्टम’ की एक तस्वीर ही पर्याप्त होगी।

 

इससे पहले ‘रूफटॉप सोलर योजना’ के तहत, परिवारों को योजना का लाभ और सब्सिडी प्राप्त करने के लिए केवल सूचीबद्ध विक्रेताओं से ही ‘सोलर पैनल’ लेना आवश्यक था।

 

‘रूफटॉप सौर योजना’ (Rooftop solar scheme) का कार्यान्वयन ‘नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय’ (Ministry of New and Renewable Energy- MNRE) द्वारा किया जा रहा है।

 

वर्तमान में ‘ग्रिड-कनेक्टेड रूफटॉप सोलर स्कीम’ के दूसरे चरण का कार्यान्वयन किया जा रहा है; इसका लक्ष्य, वर्ष 2022 तक रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट्स से 40,000 मेगावाट की संचयी क्षमता हासिल करना है।

 

राज्यों में इस योजना का क्रियान्वयन वितरण कंपनियों (Distribution Companies – DISCOMs) द्वारा किया जा रहा है।

 

इस योजना के तहत मंत्रालय द्वारा पहले 3 किलोवाट के लिये 40 प्रतिशत सब्सिडी तथा 3 किलोवाट से अधिक और 10 किलोवाट तक के लिये 20 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।

 

आवासीय उपभोक्ता को मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी राशि घटाकर, वेंडर के लिए निर्धारित दर के अनुसार, रूफटॉप सोलर प्लांट की कीमत का भुगतान करना होगा।

 

रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य :

 

आवासीय, सामुदायिक, संस्थागत, औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के मध्य ग्रिड से जुड़े SPV रूफटॉप और छोटे SPV बिजली उत्पादन संयंत्रों को बढ़ावा देना।

 

जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन पर निर्भरता को कम करना तथा पर्यावरण अनुकूल सौर बिजली उत्पादन को प्रोत्साहित करना।

 

निजी क्षेत्र, राज्य सरकार और व्यक्तियों द्वारा सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिये सहयोगात्मक वातावरण निर्मित करना।

 

छत और छोटे संयंत्रों से ग्रिड तक सौर ऊर्जा की आपूर्ति हेतु एक सक्षम वातावरण का निर्माण करना।

 

रूफटॉप सोलर के लाभ :

 

ग्रिड द्वारा प्रदान की जाने वाली बिजली का एक वैकल्पिक स्रोत।

 

पर्यावरणीय लाभ: यह जीवाश्म-ईंधन से उत्पन्न बिजली पर निर्भरता को कम करता है।

 

दूरदराज के स्थान और ऐसे क्षेत्र- जहां इलाके में बिजली स्टेशन स्थापित करना और बिजली लाइनें बिछाना मुश्किल हो जाता है तथा उन क्षेत्रों में जो क्षेत्र अभी तक ग्रिड से नहीं जुड़े हैं, बिजली प्रदान करने की क्षमता।

 

भारत में रूफटॉप सोलर की संभावनाएं :

 

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा ‘रूफटॉप सोलर’ के लिए बाजार की क्षमता 124 गीगावाट आंकी गयी है।

 

संबंधित चुनौतियाँ :

 

सौर पैनलों की दक्षता और सूर्य के प्रकाश में भिन्नता के कारण आपूर्ति में अस्थिरता।

 

भंडारण सुविधाओं के लिए अतिरिक्त लागत।

 

आवासीय क्षेत्रों में छत के उपयोग संबंधी सीमाएं – यदि छत का उपयोग सौर उत्पादन के लिए किया जा रहा है, तो इसका उपयोग किसी और चीज के लिए नहीं किया जा सकता है।

 

आवासीय ग्राहकों से वसूले जाने वाले सब्सिडी युक्त शुल्क ‘रूफटॉप सोलर पैनल’ लगाने की आर्थिक व्यवहार्यता को कमजोर करता है।