राष्ट्रीय समसामयिकी 3 (18-November-2021)
पुरी हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना
(Puri Heritage Corridor Project)

Posted on November 18th, 2021 | Create PDF File

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ओडिशा सरकार जल्द ही पुरी हेरिटेज कॉरिडोर की आधारशिला रखेगी, यह 800 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा।

 

यह परियोजना पुरी को विश्व स्तरीय विरासत शहर के रूप में विकसित करने के लिये बुनियादी सुविधाओं एवं विरासत तथा वास्तुकला की विकास (ABADHA) योजना के विस्तार का एक हिस्सा है।

 

पुरी हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना :

 

वर्ष 2016 में परिकल्पित, पुरी हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना का अनावरण दिसंबर 2019 में पवित्र शहर पुरी को विरासत के एक अंतर्राष्ट्रीय स्थल में बदलने के लिये किया गया था।

 

इस परियोजना में आगंतुकों और पर्यटकों के लिये पवित्र शहर और जगन्नाथ मंदिर के आसपास के प्रमुख हिस्सों का पुनर्विकास करना शामिल है। 

 

इस परियोजना में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) भवन पुनर्विकास, एक 600 क्षमता वाला श्रीमंदिर स्वागत केंद्र, जगन्नाथ सांस्कृतिक केंद्र, बडाडांडा हेरिटेज स्ट्रीटस्केप, समुद्र तट विकास, पुरी झील, मूसा नदी पुनरुद्धार योजना आदि शामिल होंगे।

 

जगन्नाथ मंदिर :

 

निर्माण :

 

ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में पूर्वी गंगवंश के राजा अनन्तवर्मन चोडगंग  द्वारा किया गया था।

 

पौराणिक कथा :

 

जगन्नाथ पुरी मंदिर को 'यमनिका तीर्थ' कहा जाता है, हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यहाँ भगवान जगन्नाथ की उपस्थिति के कारण मृत्यु के देवता 'यम' की शक्ति समाप्त हो गई।

 

वास्तुकला :

 

इस मंदिर को "व्हाइट पेगोडा" कहा जाता था और यह चार तीर्थ धाम (बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी, रामेश्वरम) में से एक है।

 

मंदिर के चार द्वार हैं- पूर्वी 'सिंहद्वार' जो दो झुके हुए शेरों के साथ मुख्य द्वार है, दक्षिणी 'अश्वद्वार', पश्चिमी 'व्याघ्र द्वार' और उत्तरी 'हस्तीद्वार'। प्रत्येक द्वार पर एक विशिष्ट प्रकार की  नक्काशी है।

 

प्रवेश द्वार के सामने अरुणा स्तंभ या सूर्य स्तंभ है, जो मूल रूप से कोणार्क के सूर्य मंदिर में था।

 

महोत्सव : विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा (कार महोत्सव) और बहुदा यात्रा।