राजव्यवस्था समसामयिकी 2 (11-Mar-2021)
अविश्वास मत
(No-Confidence Motion)

Posted on March 11th, 2021 | Create PDF File

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हरियाणा में, भारतीय जनता पार्टी-जननायक जनता पार्टी की गठबंधन सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव 55- 32 मतों के अंतर से पराजित हो गया।

 

‘अविश्वास प्रस्ताव’ :

मंत्रिपरिषद, सामूहिक रूप से लोक सभा / राज्य विधान सभा के प्रति उत्तरदायी होती है और जब तक इसे सदन में बहुमत का विश्वास हासिल रहता है, तब तक यह अपने पद पर बनी रहती है।

इसलिए, मंत्रिपरिषद को हटाने और सरकार को पद-मुक्त करने के लिए अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) लाया जाता है।

 

संवैधानिक प्रावधान:

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 के अनुसार, मंत्रिपरिषद, सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति जिम्मेदार होगी, तथा अनुच्छेद 164 के अनुसार, मंत्रिपरिषद, सामूहिक रूप से राज्य विधान सभा के प्रति जिम्मेदार होगी। 

लोकसभा / विधान सभा द्वारा ‘अविश्वास प्रस्ताव’ पारित करके मंत्रिपरिषद पद से हटाया जा सकता है। लोकसभा के नियम 198 में ‘अविश्वास प्रस्ताव’ के लिए प्रक्रिया को निर्दिष्ट किया गया है।

 

‘अविश्वास प्रस्ताव’ प्रस्तुत करने संबंधी प्रक्रिया:

नियम 198 के तहत, सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में प्रस्तुत किया जा सकता है।

लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव को पेश करने के लिए सदन में न्यूनतम 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक होता है। 50 से कम सदस्यों का समर्थन होने पर यह प्रस्ताव विफल हो जाता है। अविश्वास प्रस्ताव के लिए, सुबह 10 बजे से पहले, कोई भी सदस्य लिखित सूचना दे सकता है।

सदन में, अध्यक्ष द्वारा ‘अविश्वास प्रस्ताव’ पढ़कर सुनाया जाएगा और प्रस्ताव के पक्ष होने वाले में सदस्यों से अपने स्थानों पर खड़े होने को कहा जाएगा।

यदि तदनुसार कम से कम 50 सदस्य, प्रस्ताव के पक्ष में खड़े होते हैं तो अध्यक्ष द्वारा प्रस्ताव पर चर्चा के लिए एक तारीख निश्चित की जाएगी। किंतु यह तिथि प्रस्ताव पेश करने के 10 दिनों के भीतर ही होनी चाहिए।

इसके पश्चात, प्रस्ताव पर मतदान कराया जाता है, जिसके लिए ध्वनि मत, मत विभाजन अथवा किसी अन्य प्रकिया का उपयोग किया जा सकता है।

यदि सरकार विश्वास प्रस्ताव हार जाती है अथवा अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से स्वीकार कर लिया जाता है तो सरकार को त्याग-पत्र देना होगा।

 

‘अविश्वास प्रस्ताव’ से संबंधित शर्तें:

‘अविश्वास प्रस्ताव’, केवल लोकसभा या राज्य विधानसभा में पेश किया जा सकता है, जैसा भी मामला हो। इसे राज्य सभा या राज्य विधान परिषद में पेश नहीं किया जा सकता है।

यह प्रस्ताव, मंत्रिपरिषद के खिलाफ सामूहिक रूप से लाया जाता है, तथा इसे किसी एक मंत्री अथवा निजी सदस्यों के खिलाफ नहीं लाया जा सकता है।