अंतर्राष्ट्रीय समसामयिकी 1 (15-Apr-2021)
नाटो भी अमेरिका के साथ अफगानिस्तान से वापस
(NATO also withdraws from Afghanistan with America)

Posted on April 15th, 2021 | Create PDF File

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हाल ही में, ‘उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन’ (NATO) द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, 11 सितंबर तक अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान से होने वाली वापसी के साथ ही नाटो कमांड के अधीन तैनात विदेशी सैनिक भी अफगानिस्तान से वापस चले जाएंगे।

 

वापसी के बाद, अमेरिका और नाटो का लक्ष्य अफगानिस्तान को सुरक्षा के लिए अफगानी सेना और पुलिस बलों पर निर्भर करना है, जिसे उन्होंने अरबों डॉलर व्यय करके विकसित किया है। हालांकि वर्तमान में, अफगानिस्तान में शांति वार्ताएं कोशिशों के दौर से गुजर रही हैं और अक्सर छिटपुट विद्रोह की  घटनाएँ होती रहती हैं।

 

11 सितंबर एक काफी प्रतीकात्मक तारीख है। इस दिन, 20 वर्ष पूर्व अल-कायदा द्वारा विमान अपहरण करके अमेरिका पर हमला किया गया था, जिसके बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में सैन्य हस्तक्षेप किया था।

 

 

‘उत्तर अटलांटिक संधि संगठन’ (नाटो) :

यह एक ‘अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन’ है।

 

‘वाशिंगटन संधि’ द्वारा स्थापित किया गया था।

 

इस संधि पर 4 अप्रैल 1949 को हस्ताक्षर किए गए थे।

 

मुख्यालय – ब्रुसेल्स, बेल्जियम।

 

मित्र राष्ट्रों का ‘कमान संचालन मुख्यालय’ – मॉन्स (Mons), बेल्जियम।

 

संरचना:

नाटो की स्थापना के बाद से, गठबंधन में नए सदस्य देश शामिल होते रहें है। शुरुआत में, नाटो गठबंधन में 12 राष्ट्र शामिल थे, बाद में इसके सदस्यों की संख्या बढ़कर 30 हो चुकी है।

 

नाटो गठबंधन में शामिल होने वाला सबसे अंतिम देश ‘उत्तरी मकदूनिया’ था, उसे 27 मार्च 2020 को शामिल किया गया था।

 

नाटो की सदस्यता, ‘इस संधि के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने और उत्तरी अटलांटिक क्षेत्र की सुरक्षा में योगदान करने में योगदान करने में सक्षम किसी भी ‘यूरोपीय राष्ट्र’ के लिए खुली है’।

 

उद्देश्य:

 

राजनीतिक: नाटो, लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देता है, और सदस्य देशों के लिए, समस्याओं का समाधान करने, विश्वास का निर्माण करने तथा दीर्घ-काल में संघर्ष रोकथाम हेतु रक्षा और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर परामर्श और सहयोग करने में सक्षम बनाता है।

 

सामरिक- नाटो, विवादों का शांतिपूर्ण समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। राजनयिक प्रयास विफल होने की स्थिति में, नाटो, के पास संकट-प्रबंधन कार्रवाई करने हेतु सैन्य शक्ति उपलब्ध है। ये सैन्य-कार्रवाई, नाटो की संस्थापक संधि के ‘सामूहिक रक्षा अनुच्छेद’- वाशिंगटन संधि के अनुच्छेद 5 अथवा संयुक्त राष्ट्र के अधिदेश के तहत, अकेले या अन्य देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से- के अंतर्गत की जाती है।