राष्ट्रीय समसामियिकी 1 (13-Jan-2021)
राष्ट्रीय युवा दिवस
(National Youth Day)

Posted on January 13th, 2021 | Create PDF File

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प्रत्येक वर्ष स्वामी विवेकानंद की जयंती (12 जनवरी) को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।इस दिन को वर्ष 1984 में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में नामित किया गया था।

 

स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला राष्ट्रीय युवा महोत्सव युवाओं का एक वार्षिक सम्मेलन है जिसमें प्रतिस्पर्द्धाओं सहित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2021 में इस महोत्सव की थीम ‘युवा- उत्साह नए भारत का’ (YUVAAH – Utsah Naye Bharat Ka) है।

 

इस महोत्सव का आयोजन 12 से 16 जनवरी, 2021 तक किया जाएगा। इसका आयोजन भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय (Ministry of Youth Affairs and Sports) द्वारा किसी एक राज्य सरकार के सहयोग से किया जाता है।

 

वर्ष 2019 से राष्ट्रीय युवा महोत्सव के हिस्से के रूप में राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव (National Youth Parliament Festival- NYPF) का आयोजन भी किया जाता है।

 

राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव 

 

18-25 आयु वर्ग के युवाओं के विचारों को जानना, जिन्हें वोट देने की अनुमति तो है लेकिन वे चुनाव में नहीं लड़ सकते।  युवाओं को सार्वजनिक मुद्दों से जुड़ने, आम आदमी की बात को समझने, अपनी राय बनाने और इन्हें एक स्पष्ट तरीके से व्यक्त करने के लिये प्रोत्साहित करना।

युवा मामले और खेल मंत्रालय के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) और नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS)। पहली बार राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव का आयोजन 12 जनवरी से 27 जनवरी, 2019 तक “नए भारत की आवाज़ बनो तथा 'उपाय ढूंढो और नीति में योगदान करो” (Be the Voice of New India and Find solutions and Contribute to Policy) थीम के साथ किया गया था। राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव का यह दूसरा आयोजन है।

 

स्वामी विवेकानंद 

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को हुआ तथा उनके बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। उन्होंने दुनिया को वेदांत और योग के भारतीय दर्शन से परिचित करवाया। वे 19वीं सदी के आध्यात्मिक गुरु एवं विचारक रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे। उन्होंने अपनी मातृभूमि के उत्थान के लिये शिक्षा पर सबसे अधिक ज़ोर दिया। साथ ही उन्होंने चरित्र-निर्माण आधारित शिक्षा का समर्थन किया।

वर्ष 1897 में उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। रामकृष्ण मिशन एक संगठन है, जो मूल्य-आधारित शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य, महिला सशक्तीकरण, युवा और आदिवासी कल्याण एवं राहत तथा पुनर्वास के क्षेत्र में काम करता है।

वर्ष 1902 में बेलूर मठ में उनका निधन हो गया। पश्चिम बंगाल में स्थित बेलूर मठ, रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय है।