दिवस विशेष समसामयिकी 1(28-Feb-2023)
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2023
(National Science Day 2023)

Posted on February 28th, 2023 | Create PDF File

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वर्ष 1986 में भारत सरकार ने "रमन प्रभाव" की खोज की घोषणा के उपलक्ष्य में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में नामित किया था।

 

इस वर्ष का संस्करण भारत की G20 अध्यक्षता के आलोक में "ग्लोबल साइंस फॉर ग्लोबल वेल-बीइंग" की थीम के तहत मनाया जा रहा है।

 

रमन प्रभाव (Raman Effect) :  

 

भौतिक विज्ञानी सीवी रमन को रमन प्रभाव की खोज के लिये वर्ष 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला।

 

इसका तात्पर्य किसी पदार्थ द्वारा प्रकाश के अप्रत्यास्थ प्रकीर्णन (Inelastic Scattering) से है, जो प्रकीर्णित प्रकाश की आवृत्ति में परिवर्तन का कारण बनता है।

 

सरल शब्दों में यह प्रकाश की तरंग दैर्ध्य में परिवर्तन है जो प्रकाश की किरणों के अणुओं द्वारा विक्षेपित होने के कारण होता है।

 

रमन प्रभाव Raman Spectroscopy हेतु आधार का निर्माण करता है जिसका उपयोग रसायनज्ञों एवं भौतिकविदों द्वारा पदार्थ के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिये किया जाता है।  

 

रमन प्रभाव, रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी की नींव है, जिसका उपयोग रसायनज्ञ और भौतिकविद सामग्रियों के बारे में जानने के लिये करते हैं।

 

स्पेक्ट्रोस्कोपी, पदार्थ और विद्युत चुंबकीय विकिरण के बीच अंतःक्रिया का अध्ययन है।

 

विज्ञान के क्षेत्र में भारत :

 

गणित :

 

भारत ने शून्य, दशमलव प्रणाली, बीजगणित और त्रिकोणमिति की अवधारणा सहित गणित के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।

 

भारतीय गणितज्ञ जैसे- आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त (चक्रीय चतुर्भुज के क्षेत्र हेतु सूत्र प्रदान किये) और रामानुजन ने इस क्षेत्र में अग्रणी योगदान दिया है।

 

खगोल विज्ञान :

 

प्राचीन भारतीय खगोलशास्त्री आर्यभट्ट ने खगोल विज्ञान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया, जिसमें पृथ्वी की परिधि का निर्धारण, चंद्र नोड्स की खोज एवं सौरमंडल के सूर्यकेंद्रित मॉडल का विकास शामिल है।

 

ज्योतिष वेदांग खगोलीय डेटा का उल्लेख करने वाला पहला वैदिक पाठ, 4000 ईसा पूर्व का है।

 

चिकित्सा :

 

आयुर्वेद भारत में चिकित्सा की पारंपरिक प्रणाली, विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणालियों में से एक है।

 

चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे प्राचीन भारतीय ग्रंथ विभिन्न चिकित्सा स्थितियों एवं उनके उपचारों का विस्तृत विवरण प्रदान करते हैं। 

 

प्रौद्योगिकी :

 

भारत में तकनीकी नवाचार का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसमें धातु विज्ञान, जहाज़ निर्माण और कपड़ा उत्पादन का विकास शामिल है।

 

सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्राचीन शहर मोहनजोदड़ो जो 4,500 वर्ष पहले अस्तित्त्व में था, में एक परिष्कृत सीवेज और जल निकासी व्यवस्था थी।

 

अंतरिक्ष अन्वेषण :

 

भारत ने हाल के वर्षों में अंतरिक्ष अन्वेषण में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है, जिसमें वर्ष 2014 में मार्स ऑर्बिटर मिशन का सफल प्रक्षेपण और चंद्रयान मिशन तथा भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान शामिल है, जो वर्ष 2024 में लॉन्च होने वाला है।