राष्ट्रीय बालिका दिवस
(National Girl Child Day)

Posted on January 24th, 2019 | Create PDF File

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आज यानी 24 जनवरी को देशभर में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है। लड़कियों के गिरते लिंग अनुपात के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए और उनके साथ समाज में होती असमानताओं को दूर करने के मकसद से शुरू किया गया ये दिवस 2008 से हर साल मनाया जाता है, हर साल इसकी अलग-अलग थीम भी रखी जाती है, इस साल इसकी थीम है 'उज्जवल कल के लिए लड़कियों का सशक्तिकरण '।वर्ष 2017 में राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस के लिए थीम "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (BBBP)" थी। वर्ष 2018 में राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस के लिए थीम "एक लड़की एक फूल है, कांटा नहीं" थी।

 

भारतीय सरकार द्वारा राष्ट्रीय बालिका विकास मिशन के रुप में राष्ट्रीय बालिका शिशु दिवस मनाने की शुरुआत हुई। लड़कियों की उन्नति के महत्व के बारे में पूरे देश के लोगों के बीच ये मिशन जागरुकता को बढ़ाता है। यह दूसरे सामुदायिक सदस्यों और माता-पिता के प्रभावकारी समर्थन के द्वारा निर्णय लेने की प्रक्रिया में लड़कियों के सार्थक योगदान को बढ़ाता हे।

 

समाजिक लोगों के बीच उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिये और समाज में लड़कियों की स्थिति को बढ़ावा देने के लिये इसे मनाया जाता है। ये बहुत जरुरी है कि विभिन्न प्रकार के समाजिक भेदभाव और शोषण को समाज से पूरी तरह से हटाया जाये जिसका हर रोज लड़कियाँ अपने जीवन में सामना करती हैं।दरअसल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस के तौर पर मनाने की घोषण महिला विकास मंत्रालय की तरफ से की गई थी , मंहिला विकास मंत्रालय ने इस दिन को मनाने की घोषणा साल 2008 में की थी।

 

राष्ट्रीय बालिका दिवस के जरिए महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है उनके लिए बनाए गए कानूनों के बारे में भी उनको बताया जाता है, इस दिन देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नारी शक्ति के रूप में भी याद किया जाता है,इसी दिन वे प्रथम बार प्रधानमंत्री बनी थी ।

 

इस दिन #SaveGirlChild के नाम से जगह जगह अभियान चलाए जाते हैं. अलग-अलग NGO भी इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को लड़कियों के साथ हो रहे अत्याचारों के प्रति जागरूक करते हैं और इसके खिलाफ लड़ने की अपील करते हैं।

 

उद्देश्य-

 

*लोगों के बीच लड़कियों के अधिकार को लेकर जागरूकता पैदा करना और लड़कियों को नया अवसर मुहैया कराना


*यह सुनिश्चित करना कि हर लड़की को मानवीय अधिकार मिले 


*लैंगिक असमानता को लेकर जागरूकता पैदा करना 


*बालिकाओं की समस्या का समाधान 


*महिलाओं को समाज में जिन असमानताओं का सामना करना पड़ता है, उन सभी से छुटकारा ।