राष्ट्रीय समसामयिकी 1 (31-July-2021)महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना(Mahila Kisan Sashaktikaran Pariyojana)
Posted on August 1st, 2021 | Create PDF File
हाल ही सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ‘कृषि एवं किसान कल्याण विभाग’ (Department of Agriculture and Farmers Welfare – DA&FW) द्वारा लागू की जाने जाने वाली योजनाओं के अंतर्गत कृषि योजनाओं के लिए आवंटित व्यय का कम से कम 30 प्रतिशत, महिलाओं को कृषि की मुख्यधारा में लाने के लिए खर्च किया जा रहा है।
इसमें ‘महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना’ (Mahila Kisan Sashaktikaran Pariyojana) मुख्य रूप से शामिल है।
‘महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना’ :
‘महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना’ (MKSP) वर्ष 2011 में शुरू की गयी थी।
यह योजना ‘दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) का एक उप घटक है।
इस योजना के तहत, कृषि क्षेत्र में महिलाओं की वर्तमान स्थिति में सुधार लाने और उन्हें सशक्त बनाने हेतु उपलब्ध अवसरों को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
MKSP के तहत, “महिला” को “किसान” के रूप में मान्यता दी जाती है और कृषि-पारिस्थितिक संवहनीय पद्धतियों के क्षेत्र में महिलाओं की क्षमता निर्माण करने का प्रयास किया जाता है।
सरकार द्वारा इस प्रकार की परियोजनाओं के लिए 60 प्रतिशत तक (पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 90 %) वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
MKSP का केंद्र-बिंदु:
छोटे किसानों के लिए सतत जलवायु अनुकूल कृषि-पारिस्थितिकी पद्धतियों को अपनाने हेतु सक्षम बनाना और अंततः कुशल सामुदायिक पेशेवरों का एक समूह तैयार करना।
कृषि के महिला-करण किए जाने की आवश्यकता:
अधिकांशतः जिन परिवारों की मुखिया ‘महिला’ होती हैं, वे परिवार विस्तृति सेवाओं, किसान सहायता संस्थानों और बीज, पानी, ऋण, सब्सिडी आदि उत्पादन परिसंपत्तियों तक पहुंचने में सक्षम नहीं हो पाते हैं।
कृषि श्रमिकों के रूप में, महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम मजदूरी का भुगतान किया जाता है।