कला एवं संस्कृति समसामयिकी 2(17-Nov-2022)काशी-तमिल संगमम(Kasi-Tamil Sangamam)
Posted on November 17th, 2022 | Create PDF File
काशी-तमिल संगमम 17 नवंबर, 2022 से वाराणसी में शुरू हो गया है।
प्रधानमंत्री एक माह के इस कार्यक्रम का 19 नवंबर को औपचारिक उद्घाटन करेंगे।
काशी- तमिल संगमम का उद्देश्य देश के दो महत्त्वपूर्ण शिक्षण पीठों - तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संपर्को को नए सिरे से स्थापित करना है।
इसका लक्ष्य शोधार्थियों, विद्यार्थियों, दार्शनिकों, व्यापारियों, शिल्पकारों और कलाकारों को साथ लाने, ज्ञान, संस्कृति तथा श्रेष्ठ प्रक्रियाओं को साझा करने एवं एक-दूसरे के अनुभवों से सीखना भी है।
यह आयोजन भारतीय ज्ञान संपदा को ज्ञान की आधुनिक प्रणाली से जोड़ने के राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के उद्देश्यों के अनुरूप है।
काशी-तमिल संगमम भारत के इतिहास में हिंदी और तमिल भाषी लोगों के मेल-मिलाप का सबसे बड़ा महोत्सव है।
75 स्टालों पर तमिलनाडु का कल्चर, परिधान, व्यंजन, हस्तकला, हथकरघा, हेरिटेज़, वास्तुकला, मंदिर, त्योहार, खानपान, खेल, मौसम, शिक्षा संबंधी और राजनीतिक जानकारी दी जाएंगी।
काशी-तमिल संगमम के उद्घाटन समारोह में तमिलनाडु के 12 प्रमुख मठ-मंदिर के आदिनम (महंत) को काशी की धरा पर पहली बार सम्मानित किया जाएगा।
तमिल भाषा में लिखे गए प्राचीन साहित्य को ही संगम साहित्य कहा जाता है।
'संगम' शब्द का अर्थ है- संघ, परिषद, गोष्ठी अथवा संस्थान।
वास्तव में संगम, तमिल कवियों, विद्वानों, आचार्यों, ज्योतिषियों एवं बुद्धिजीवियों की एक परिषद थी।