पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(24-June-2022)
उच्च कार्बन उत्सर्जक को फुटप्रिंट कम करने की मिलेगी छुट
(High carbon emitters will be allowed to reduce their footprint)

Posted on June 24th, 2022 | Create PDF File

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भारत स्टील, सीमेंट और थर्मल प्लांट जैसे उच्च कार्बन उत्सर्जन वाले उद्योगों द्वारा कार्बन कैप्चर सुविधाओं की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतियों का प्रस्ताव कर रहा है।

 

उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन कार्यक्रम, व्यवहार्यता अंतर वित्त पोषण, या कार्बन क्रेडिट सभी का उपयोग प्रोत्साहन देने के लिए किया जा सकता है।

 

सरकार कार्बन क्रेडिट जारी कर सकती है जिसका कार्बन एक्सचेंजों पर आदान-प्रदान किया जा सकता है या एक पीएलआई कार्यक्रम जिससे प्रोत्साहन मिलेगा कि कितना कार्बन इकट्ठा और उपयोग किया जाता है।

 

एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, देश का नीतिगत थिंक-टैंक, नीति आयोग, 2070 तक नेट ज़ीरो तक पहुँचने के उद्देश्य से उद्योग द्वारा जारी कार्बन डाइऑक्साइड के उपयोग और कार्बन डाइऑक्साइड के उपयोग के लिए जल्द ही एक नीतिगत तरीका जारी करेगा।

 

ये उद्योग सभी कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन का 6-10% हिस्सा हैं।

 

प्रदूषणकारी व्यवसायों को कार्बन कैप्चर सुविधाओं के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों की जांच की जा रही है ताकि उनके द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड को विभिन्न प्रकार के औद्योगिक उपयोगों के लिए कैप्चर, उपयोग और संग्रहीत किया जा सके।

 

जहां सरकार कार्बन कैप्चर प्लांट बनाने के लिए अनुसंधान और विकास के साथ इन उद्योगों का समर्थन करेगी, वहीं वित्तीय सहायता के विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है।