अर्थव्यवस्था समसामयिकी 2 (14-July-2019)
एनबीएफसी क्षेत्र पर दबाव कम करने के लिये दिशानिर्देश जल्द (Guidelines for reducing pressure on NBFC sector soon)

Posted on July 14th, 2019 | Create PDF File

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सरकार गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी क्षेत्र (एनबीएफसी) का दबाव कम करने के लिये बजट में की गयी घोषणा के अनुसार जल्दी कदम उठाएगी। ये दिशानिर्देश सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा एनबीएफसी की कुछ बेहतर रेटिंग वाली परिसंपत्तियों का अधिग्रहण करने के संबंध में होंगे। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह कहा।

 

अधिकारी ने कहा, ‘‘आर्थिक मामलों के विभाग तथा वित्तीय सेवा विभाग दोनों इस बारे में विचार-विमर्श कर रहे हैं। अधिग्रहण के लिये पात्रता नियम इस सप्ताह या अगले सप्ताह जारी किये जाने की संभावना है।’’

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनबीएफसी क्षेत्र को वित्तीय संकट से उबारने के लिये यह प्रस्ताव किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक चालू वित्त वर्ष में वित्तीय रूप से मजबूत एनबीएफसी के उच्च दर्जे वाली ‘पूल्ड ऐसेट’ की खरीद करेंगे। यह खरीद कुल एक लाख करोड़ रुपये तक की हो सकती है।

 

इसके लिये सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को छह माह के दौरान होने वाले 10 प्रतिशत तक के नुकसान पर एकबारगी आंशिक रिण गारंटी भी देगी।

 

अधिकारी ने आगे कहा कि बैंकों को ‘एएए’ दर्जा वाली संपत्ति लेने की अनुमति होगी जहां गड़बड़ी की संभावना कम रहती है और सार्वजनिक क्षेत्र के बड़े बैंकों को इसमें भागीदारी की अनुमति होगी।

 

उसने कहा कि इससे इस प्रक्रिया में शामिल बैंकों के कारोबार का आकार बढ़ाने में मदद मिलेगी और बेहतर तरीके से काम कर रही एनबीएफसी को नकदी सुलभ होगी। ऐसी अधिकतर परिसंपत्तियों की परिपक्वता अवधि 3 साल से ज्यादा नहीं होगी।

 

अधिकारी ने कहा कि जो बैंक दबाव में हैं, उन्हें इससे अलग रखा जाएगा।

 

बजट के तुरंत बाद रिजर्व बैंक ने भी विशेष नकदी व्यवस्था की घोषणा की जिससे 1.30 लाख करोड़ की नकदी तंत्र में जारी होगी।

 

आईएल एंड एफएस की समूह कंपनियों के पिछले साल सितंबर से एक के बाद एक अपने भुगतान दायित्वों को पूरा करने में असफल रहने के कारण एनबीएफसी क्षेत्र दबाव में आया हैं।