(द हिंदू से)अंतर्राष्ट्रीय समसामियिकी 6 (26-Mar-2019)
वैश्विक ऊर्जा संक्रमण सूचकांक- 2019 (Global Energy Transition Index - 2019)

Posted on March 26th, 2019 | Create PDF File

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हाल ही में विश्व आर्थिक मंच द्वारा वैश्विक ऊर्जा संक्रमण सूचकांक- 2019 जारी किया गया। इसमें दुनिया के 115 देशों की ऊर्जा प्रणाली के प्रदर्शन स्तर पर सर्वेक्षण किया गया है।विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी वैश्विक ऊर्जा संक्रमण सूचकांक में इस साल भारत को 76वाँ स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि पिछले साल यह 78वें स्थान पर था।दक्षिण एशियाई देशों में श्रीलंका ही एक ऐसा देश है जो भारत से आगे है इसे 60वाँ स्थान मिला है।

 

अन्य पड़ोसी देशों की रैंकिंग इस प्रकार है :



चीन - 82
बांग्लादेश - 90
नेपाल - 93
पाकिस्तान - 97


स्वीडन अपनी पिछले साल की रैंकिंग को बरकरार रखते हुए इस साल भी प्रथम स्थान पर है, जबकि हैती को सबसे आख़िरी पायदान प्राप्त हुआ है।ब्रिक्स देशों में भी भारत को दूसरे सबसे बेहतर देश का स्थान प्राप्त हुआ है जबकि ब्राज़ील 46वें रैंक के साथ पहले स्थान पर है।उभरते और विकासशील देशों की श्रेणी में मलेशिया 31वीं रैंक हासिल कर पहले पायदान पर है।

 

वैश्विक ऊर्जा संक्रमण सूचकांक-

इसे विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum- WEF) द्वारा जारी किया जाता है।इसके अंतर्गत दुनिया के देशों द्वारा ऊर्जा सुरक्षा और सतत पर्यावरण को बनाए रखने का उल्लेख किया जाता है।इसमें विभिन्न देशों के प्रदूषण स्तर का आकलन भी होता है।रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पाँच सालों से ऊर्जा संरक्षण मामले में कोई ख़ास सुधार नहीं हुआ है।

 


विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum)-


विश्व आर्थिक मंच सार्वजनिक-निजी सहयोग हेतु एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जिसका उद्देश्य विश्व के प्रमुख व्यावसायिक, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों तथा अन्य प्रमुख क्षेत्रों के अग्रणी लोगों के लिये एक मंच के रूप में काम करना है।यह स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है और इसका मुख्यालय जिनेवा में है।इस फोरम की स्थापना 1971 में यूरोपियन प्रबंधन के नाम से जिनेवा विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर क्लॉस एम. श्वाब ने की थी।इस संस्था की सदस्यता अनेक स्तरों पर प्रदान की जानी है और ये स्तर संस्था के काम में उनकी सहभागिता पर निर्भर करते हैं।इसके माध्यम से विश्व के समक्ष मौजूद महत्त्वपूर्ण आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों पर परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।