अन्तर्राष्ट्रीय समसामियिकी 3 (27-Nov-2020)
ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर - एशिया
(Global Corruption Barometer - Asia)

Posted on November 27th, 2020 | Create PDF File

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भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ‘ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल’ ने ‘ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर (जीटीबी) - एशिया’ [Global Corruption Barometer (GCB) – Asia] नामक रिपोर्ट जारी की है एवं इसमें कहा गया है कि एशिया में सबसे ज्यादा रिश्वत की दर(bribery rate) भारत में है।




भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ‘ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल’ की इस रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में सबसे ज्यादा रिश्वत की दर भारत में है और सार्वजनिक सेवाओं का उपयोग करने के लिए व्यक्तिगत संपर्कों (personal connections) का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या भी यहीं सबसे अधिक है।यह रिपोर्ट उस सर्वेक्षण पर आधारित है जो इस वर्ष भारत में 17 जून से 17 जुलाई के बीच आयोजित किया गया। इस सर्वेक्षण का सैंपल साइज़ 2,000 है।इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में रिश्वत देने वालों में से लगभग 50 प्रतिशत से ऐसा करने को कहा गया था, वहीं सार्वजनिक सेवाओं का उपयोग करने के लिए व्यक्तिगत संपर्कों का उपयोग करने वालों में से 32 प्रतिशत का कहना था कि रिश्वत नहीं देने पर उन्हें सेवा प्राप्त नहीं होती है।लगभग 39 फीसद भारतीय मानते हैं कि उन्‍होंने अपना काम करवाने के लिए रिश्‍वत का सहारा लिया।ज्‍यादातर लोगों का मानना है कि पुलिस और स्‍थानीय अफसर रिश्‍वत लेने के मामले में सबसे आगे हैं।



‘ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया के दूसरे देशों में कंबोडिया दूसरे और इंडोनेशिया तीसरे नंबर पर है।‘ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल’ ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि एशिया में हर पांच में से एक ने रिश्‍वत दी है। 62 फीसद लोग मानते हैं कि भविष्‍य में हालात सुधरेंगे।लगभग 39 फीसद भारतीय मानते हैं कि उन्‍होंने अपना काम करवाने के लिए रिश्‍वत का सहारा लिया, जबकि कंबोडिया में 37 फीसद और इंडोनेशिया में ये 30 फीसद है।‘ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल’ की रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में सबसे कम भ्रष्टाचार मालदीव और जापान में है। मालदीव और जापान संयुक्‍त रूप से पहले नंबर पर हैं।मालदीव और जापान में महज दो फीसद लोगों ने ही माना कि उन्‍हें कभी किसी काम के लिए रिश्‍वत देनी पड़ी। इसके बाद दक्षिण कोरिया का नंबर है, जहां पर करीब 10 फीसद लोग मानते हैं कि उन्‍हें काम निकलवाने के लिए रिश्‍वत का सहारा लेना पड़ा था।



ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर (Global Corruption Barometer-GCB), ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा प्रकाशित किया जाता है।जीसीबी दुनिया का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है जो भ्रष्टाचार पर जनता की राय पर नज़र रखता है।

 


ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल एक स्वतंत्र अन्तरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है, जो वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार से जुड़े सूचकांक निर्धारित करता है।यह संस्था कई रिपोर्ट प्रकाशित करती है जिसमें विश्व के विभिन्न देशों में भ्रष्टाचार की स्थित का मूल्यांकन होता है।इसका मुख्यालय जर्मनी की राजधानी बर्लिन में है।इसकी स्थापना 1993 में की गयी थी।इस संगठन के द्वारा भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (Corruption Perceptions Index-CPI), वैश्विक भ्रष्टाचार रिपोर्ट (Global Corruption Report) और रिश्वत भुगतानकर्ता सूचकांक (Bribe Payers Index) प्रकाशित किया जाता है।