पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1 (8-September-2021)
भोगदोई नदी
(Bhogdoi River)

Posted on September 8th, 2021 | Create PDF File

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नगालैंड में बड़े पैमाने पर कोयला खनन, चाय बागानों से अपशिष्ट निर्वहन और अतिक्रमण असम में भोगदोई नदी के जल को प्रदूषित कर रहे हैं।

 

वर्ष 2019 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भोगदोई को असम की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक और देश की प्रदूषित नदियों में 351वीं घोषित किया।

 

 

यह नगालैंड के ‘मोकोकचुंग’ से निकलती है, जहाँ इसे ‘सुजेनयोंग’ नाला के नाम से भी जाना जाता है और यह ब्रह्मपुत्र नदी की दक्षिण तट से जुड़ने वाली सहायक नदी है।

 

यह एक अंतर-राज्यीय नदी है (असम और नगालैंड के बीच बहती है) और ब्रह्मपुत्र के संगम के पास धनसिरी नदी में मिलती है।

 

मुद्दे :

 

नगालैंड में कोयला खनन ने नदी में उच्च स्तर के मैंगनीज़ के प्रवाह की शुरुआत की।

 

चाय बागानों से निकलने वाला रासायनिक कचरा नदी को ज़हरीला और प्रदूषित कर रहा है।

 

नालियों में औद्योगिक और आवासीय कचरे के बहाव के कारण इस नदी में भारी मात्रा में गाद जमा हो गई है, जिससे इसकी वहन क्षमता कम हो गई है।

 

उच्च BOD (जैविक ऑक्सीजन मांग) जलीय जीवन के लिये पानी की कम गुणवत्ता और कम ऑक्सीजन को इंगित करता है।

 

नदी के किनारे बड़े पैमाने पर अतिक्रमण न केवल नदी को संकरा बना रहा है बल्कि गंदगी और कचरा भी बढ़ा रहा है।

 

नदी के किनारे मानव मल और शवों का अंतिम संस्कार करना धीरे-धीरे इस क्षेत्र की मिट्टी और पानी को दूषित कर रहा है। इससे जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

 

ब्रह्मपुत्र नदी :

 

ब्रह्मपुत्र नदी मानसरोवर झील (तिब्बत) के पास कैलाश श्रेणी के चेमायुंगडुंग ग्लेशियर से सियांग या दिहांग के नाम से निकलती है। यह अरुणाचल प्रदेश के सादिया शहर के पश्चिम में भारत में प्रवेश करती है।

 

सहायक नदियाँ : दिहांग नदी, दिबांग नदी, लोहित नदी, धनसिरी नदी, कोलोंग नदी, कामेंग नदी, मानस नदी, बेकी नदी, रैदक नदी, जलधाका नदी, तीस्ता नदी, सुबनसिरी नदी।

 

जैविक ऑक्सीजन मांग (BOD) :

 

जैविक कचरे से होने वाले जल प्रदूषण को BOD के रूप में मापा जाता है।

 

BOD पानी में मौजूद कार्बनिक कचरे को विघटित करने के लिये बैक्टीरिया द्वारा आवश्यक घुलित ऑक्सीजन (डीओ) की मात्रा है। इसे प्रति लीटर पानी में मिलीग्राम ऑक्सीजन में व्यक्त किया जाता है।

 

चूँकि BOD बायोडिग्रेडेबल सामग्री तक सीमित है, इसलिये यह जल प्रदूषण को मापने का एक विश्वसनीय तरीका नहीं है।

 

रासायनिक ऑक्सीजन मांग (COD) :

 

COD पानी के नमूने में कार्बनिक (बायोडिग्रेडेबल और गैर-बायोडिग्रेडेबल) एवं ऑक्सीकरण योग्य अकार्बनिक यौगिकों को ऑक्सीकरण करने के लिये आवश्यक प्रति मिलियन भागों में ऑक्सीजन की मात्रा को मापता है।