अंतर्राष्ट्रीय समसामियिकी 2 (17-July-2019)तुर्की को एफ-35 लड़ाकू विमान नहीं बेचेगा अमेरिका : ट्रंप (America will not sell F-35 fighter aircraft to Turkey: Trump)
Posted on July 17th, 2019 | Create PDF File
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि तुर्की के रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के कारण अमेरिका उसे एफ-35 लड़ाकू विमान नहीं बेचेगा।
ट्रंप प्रशासन का यह फैसला भारत के लिए भी संकेत हो सकता है क्योंकि उसने भी अमेरिका की सलाह के खिलाफ जाकर एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए रूस से समझौता किया है।
भारत ने एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए रूस के साथ पिछले साल अक्टूबर में समझौता किया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह सही नहीं था कि जब तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली ‘पैट्रियट’ अमेरिका से खरीदना चाहते थे तब ओबामा प्रशासन ने बेची नहीं।
ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में कैबिनेट बैठक के दौरान पत्रकारों से कहा, ‘‘अब स्थिति यह है कि तुर्की के संबंध हमारे साथ बहुत अच्छे हैं, बहुत अच्छे। और अब हम तुर्की से कह रहे हैं कि चूंकि आपको अन्य मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए बाध्य किया गया, अब हम आपको एफ-35 लड़ाकू विमान नहीं बेच रहे हैं।’’
मौजूदा अमेरिकी कानूनों के अनुसार, कोई भी देश अगर रूस से बड़े रक्षा उपकरण खरीदता है तो उस पर अमेरिकी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। अमेरिकी संसद ने इस कानून में थोड़ी छूट दी है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से जून में कहा था कि भारत प्रतिबंध झेल रहे रूस के साथ एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली सौदे के मामले में अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार फैसला करेगा।
जयशंकर ने नयी दिल्ली में कहा था,‘‘मेरा मानना है कि हम वही करेंगे जो हमारे राष्ट्रीय हित में है। प्रत्येक देश के दूसरे देश के राष्ट्रीय हित को समझना और उसकी सराहना करने की क्षमता उस रणनीतिक साझेदारी का हिस्सा है।’’
भारत में कई लोगों का मानना है कि यह छूट उनके देश के लिए है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने आगाह किया कि किसी भी देश के लिए व्यापक छूट नहीं है।
तुर्की ने नाटो सहयोगी अमेरिका की चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए गत शुक्रवार को रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की पहली खेप प्राप्त की।
ट्रंप ने बताया कि तुर्की ने 100 एफ-35 विमानों का ऑर्डर दिया था। उन्होंने इसे बेहद जटिल स्थिति बताते हुए कहा कि उनका प्रशासन इस पर काम कर रहा है और देखते हैं कि नतीजा क्या निकलता है।
ट्रंप ने पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन के इस मसले पर रुख पर नाखुशी जताई।