पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी समसामयिकी 1(14-June-2022)
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग
(Air Quality Management Commission)

Posted on June 14th, 2022 | Create PDF File

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हाल ही में, ‘वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग’ (Commission for Air Quality Management – CAQM)  द्वारा 1 जनवरी 2023 से पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में औद्योगिक, घरेलू और अन्य विविध अनुप्रयोगों में कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

 

आवश्यकता :

 

दिल्ली एनसीआर में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है। दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित राजधानी शहरों में से एक है।

 

इससे सालाना 1.7 मिलियन टन कोयले को बचाने में मदद मिलेगी।

 

यह पार्टिकुलेट मैटर (PM), नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx), CO2 और CO सहित प्रदूषकों को कम करने में भी सहायक होगा।

 

‘वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग’ :

 

‘वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग’ (Commission for Air Quality Management – CAQM) का गठन अक्टूबर 2020 में ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन हेतु आयोग अध्यादेश’, 2020 (‘Commission for Air Quality Management in National Capital Region and Adjoining Areas Ordinance’) के तहत किया गया था ।

 

CAQM का गठन करने के लिए पूर्ववर्ती ‘पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण’ (Environment Pollution (Prevention and Control) Authority) अर्थात EPCA को भंग कर दिया गया था।

 

‘वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग’ एक ‘सांविधिक प्राधिकरण’ (Statutory Authority) होगा।

 

यह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैसे निकायों का अधिक्रमण (Supersede) करेगा।

 

2021 में, संसद द्वारा ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन हेतु आयोग विधेयक’ को मंजूरी दी गयी थी।

 

संरचना :

 

आयोग की अध्यक्षता भारत सरकार के सचिव अथवा राज्य सरकार के मुख्य सचिव के रैंक के अधिकारी द्वारा की जाएगी।

 

‘अध्यक्ष’ तीन साल की अवधि तक या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक पद पर कार्य करेगा।

 

आयोग में विभिन्न मंत्रालयों के साथ-साथ, हितधारक राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

 

इसमें, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और सिविल सोसाइटी के विशेषज्ञ भी सदस्य के रूप में शामिल होंगे।

 

शक्तियां और कार्य :

 

‘वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग’ को वायु प्रदूषण से संबंधित मुद्दों पर संबंधित राज्य सरकारों को निर्देश जारी करने का अधिकार होगा।

 

‘आयोग’, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता की सुरक्षा और सुधार के उद्देश्य से आवश्यक समझी जाने वाली शिकायतों पर विचार करेगा।

 

वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए मानदंड भी निर्धारित करेगा।

 

आयोग के पास, उल्लंघन-कर्ताओं को चिह्नित करने, कारखानों, उद्योगों तथा किसी भी अन्य प्रदूषणकारी इकाई की निगरानी करने, और ऐसी इकाइयों को बंद करने की शक्ति होगी।

 

आयोग के पास, NCR और आसपास के क्षेत्रों में, प्रदूषण मानदंडों का संभावित उल्लंघन करने वाले, राज्य सरकारों द्वारा जारी किए गए निर्देशों को रद्द करने का भी अधिकार होगा।