सिविल हिन्दी ५ - भाग - 30 (Civil Hindi 5 - Part - 30)
Posted on January 2nd, 2019 | Create PDF File
समास
(अ) समास - शब्द : यथाशक्ति
समास - विग्रह : शक्ति के अनुसार
समास का नाम : अव्ययीभाव समास
व्याख्या : जिस समास में प्रथम पद प्रधान हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
(ब) समास - शब्द : माखनचोर
समास - विग्रह : माखन को चुराने वाला
समास का नाम : तत्पुरुष समास
व्याख्या : जिस समास में पूर्व पद गौण तथा उत्तर पद प्रधान होता है, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।
(स) समास - शब्द : परमेश्वर
समास - विग्रह : परम है जो ईश्वर
समास का नाम : कर्मधारय समास
व्याख्या : जिस समास में पूर्व तथा उत्तर पद दोनों प्रधान होते हैं, उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
(द) समास - शब्द : दोपहर
समास - विग्रह : दो पहरों को समाहार
समास का नाम : द्विगु समास
व्याख्या : जिस समास का प्रथम पद संख्यावाचक तथा अंतिम पद संज्ञा हो, उसे द्विगु समास कहते हैं।
(य) समास - शब्द : राजा - रंक
समास - विग्रह : राजा और रंक
समास का नाम : द्वन्द समास
व्याख्या : जिस समास में दोनों पद प्रधान हों तथा दोनों पद संज्ञा अथवा उसके समूह से हों, उसे द्वन्द समास कहते हैं। इसमें "और" , "व" , "अथवा" आदि का लोप पाया जाता है।
(र) समास - शब्द : नीलकंठ
समास - विग्रह : नीला है कंठ जिसका - शिवजी
समास का नाम : बहुव्रीही समास
व्याख्या : जिस समास में अन्य पद की प्रधानता रहती है, अर्थात जिसका सामासिक अर्थ उससे भिन्न होता है, उसे बहुव्रीही समास कहते हैं।