भारतीय संविधान का अनुच्छेद - 39

Posted on March 31st, 2022 | Create PDF File

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भाग- 4

अनुच्छेद-39.राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व-

राज्य अपनी नीति का,विशिष्टतया, इस प्रकार संचालन करेगा किे सुनिश्चित रूप से-

(क) पुरुष और स्त्री सभी नागरिकों को समान रूप से जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार हो ;

(ख) समुदाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियंत्रण इस प्रकार बंटा हो जिससे सामूहिक हित का सर्वोत्तम रूप से साधन हो ;

(ग) आर्थिक व्यवस्था इस प्रकार चले जिससे धन और उत्पादन- साधनों का सर्वसाधारण के लिए अहितकारी संक्रेंद्रण न हो ;

(घ) पुरुषों और स्त्रियों दोनों का समान कार्य के लिए समान वेतन हो ;

(ङ) पुरुष और स्त्री कर्मकारों के स्वास्थ्य और शक्ति का तथा बालकों की सुकुमार अवस्था का दुरुपयोग न हो और आर्थिक आवश्यकता से विवश होकर नागरिकों को ऐसे रोजगारों में न जाना पड़े जो उनकी आयु या शक्ति के अनुकूल न हों;

1[(च) बालकों को स्वतंत्र और गरिमामय वातावरण में स्वस्थ विकास के अवसर और सुविधाएं दी जाएं और बालकों और अल्पवय व्यक्तियों की शोषण से तथा नैतिक और आर्थिक परित्याग से रक्षा की जाएI]

2[39क. समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता-

राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि विधिक तंत्र इस प्रकार काम करे कि समान अवसर के आधार पर न्याय सुलभ हो और वह, विशिष्टतया, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आर्थिक या किसी अन्य निर्योग्यता के कारण कोई नॉगरिक न्याय प्राप्त करने के अवसर से वंचित न रह जाए, उपयुक्त विधान या स्कीम द्वारा या किसी अन्य रीति से नःशुल्क विधिक सहायता की व्यवस्था करेगा ]

 

  1. संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम 1976 की धारा 7 द्वारा (3-1-1977 से) प्रतिस्थापित।
  2. संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम 1976 की धारा 8 द्वारा (3-1-1977 से) अंतःस्थापित।