भारतीय संविधान का अनुच्छेद - 20

Posted on March 29th, 2022 | Create PDF File

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भाग- 3

अनुच्छेद- 20.अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण-

(1) कोई व्यक्ति किसी अपराध के  लिए तब तक सिद्धदोष नहीं ठहराया जाएगा, जब तक कि उसने ऐसा कोई कार्य करने के  समय, जो अपराध के रूप में आरोपित है, किसी प्रवृत्त विधि का अतिक्रमण नहीं किया है या  उससे अधिक शास्ति का भागी नहीं होगा जो उस अपराध के किए जाने के समय प्रवृत विधि  के अधीन अधिरोपित की जा सकती थी।

(2) किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए एक बार से अधिक अभियोजित और दंडित नहीं किया जाएगा।

(3) किसी अपराध के लिए अभियुक्त किसी व्यक्ति को स्वयं अपने विरुद्ध साक्षी होने के  लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।