भारतीय संविधान का अनुच्छेद -15

Posted on March 29th, 2022 | Create PDF File

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भाग- 3

अनुच्छेद-15.धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध-

(1) राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से  किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा ।

(2) कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर-

(क) दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश, या

(ख) पूर्णतः या भागतः राज्य-निधि से पोषित या साधारण जनता के प्रयोग के  लिए समर्पित कुओं, तालाबों, स्नानघाटों, सड़कों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के  उपयोग, के संबंध में किसी भी निर्योग्यता, दायित्व, निर्बन्धन या शर्त के अधीन नहीं होगा।

(3) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को स्त्रियों और बालकों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।

 1[(4) इस अनुच्छेद की या अनुच्छेद 29 के खंड (2) की कोई बात राज्य को सामाजिक  और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित  जातियों और अनुसूचित जनजॉतियों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।]

2[(5) इस अनुच्छेद या अनुच्छेद 19 के खंड (1) के उपखंड (छ) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के लिए, विधि द्वारा, कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी, जहां तक ऐसे विशेष उपबंध, अनुच्छेद 30 के खंड (1) में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थाओं से भिन्न, शिक्षा संस्थाओं में, जिनके अंतर्गत प्राइवेट शिक्षा संस्थाएं भी हैं, चाहे वे राज्य से सहायता प्राप्त हों या नहीं, प्रवेश से संबंधित हैं।]

3[(6) इस अनुच्छेद या अनुच्छेद 19 के खंड (1 ) के उपखंड (छ) या अनुच्छेद 29 के खंड (2) की कोई बात, राज्य को-

(क) खंड (4) और खंड (5) में उल्लिखित वर्गों से भिन्न नागरिकों के आर्थिक रूप से दुर्बल किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए कोई भी विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी ; और

(ख) खंड (4) और खंड (5 ) में उल्लिखित वर्गों से भिन्न नागरिकों के आर्थिक रूप से दुर्बल किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए कोई भी विशेष उपबंध करने से वहां निवारित नहीं करेगी, जहां तक ऐसे उपबंध, ऐसी शैक्षणिक संस्थाओं में, जिनके अंतर्गत अनुच्छेद 30 के खंड (1) में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थाओं से भिन्न प्राइवेट शैक्षणिक संस्थाएं भी हैं, चाहे वे राज्य द्वारा सहायता पाने वाली हैं या सहायता न पाने वाली हैं, प्रवेश से संबंधित हैं, जो आरक्षण की दशा में विद्यमान आरक्षणों के अतिरिक्त तथा प्रत्येक प्रवर्ग में स्थानों के अधिकतम दस प्रतिशत के अध्यधीन होंगे। 

स्पष्टीकरणइस अनुच्छेद और अनुच्छेद 16 के प्रयोजनों के लिए "आर्थिक रूप से दुर्बल वर्ग" वे होंगे, जो राज्य द्वारा कुटुंब की आय और आर्थिक अलाभ के अन्य सूचकों के  आधार पर समय-समय पर अधिसूचित किए जाएं ।]

 

 

 

  1. संविधान (पहला संशोधन) अधिनियम, 1951 की धारा 2 द्वारा ( 18-6-1951 से) जोड़ा गया।
  2. संविधान (तिरानवेवां संशोधन) अधिनियम, 2005 की धारा 2 द्वारा (20-1-2006 से) अन्तःस्थापित।
  3. संविधान (एक सौ तीनवां संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 2 द्वारा (14-1-2019 से) अंतः स्थापित।