भारतीय संविधान का अनुच्छेद -16

Posted on March 29th, 2022 | Create PDF File

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भाग- 3

अनुच्छेद- 16.लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता-

(1) राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समता होगी।

(2) राज्य के अधीन किसी नियोजन या पद के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्भव, जन्मस्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर न तो कोई नागरिक अपात्र  होगा और न उससे विभेद किया जाएगा।

 (3) इस अनुच्छेद की कोई बात संसद् को कोई ऐसी विधि बनाने से निवारित नहीं करेगी जो 1[किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र की सरकार के या उसमें के किसी स्थानीय या अन्य  प्राधिकारी के अधीन वाले किसी वर्ग या वर्गों के पद पर नियोजन या नियुक्ति के संबंध में ऐसे  नियोजन या नियुक्ति से पहले उस राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के भीतर निवास विषयक कोई  अपेक्षा विहित करती है ।]

(4) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।

 

2[ (4क) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त  नहीं है, राज्य के अधीन सेवाओं में 3[किसी वर्ग या वर्गो के पदों पर, पारिणामिक ज्येष्ठता सहित, प्रोन्नति के मामलों में] आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी|]

4[ (4ख) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को किसी वर्ष में किन्हीं न भरी गई ऐसी रिक्तियों को, जो खंड (4) या खंड (4क) के अधीन किए गए आरक्षण के लिए किसी उपबंध के अनुसार उस वर्ष में भरी जाने के लिए आरक्षित हैं, किसी उत्तरवर्ती वर्ष  या वर्षों में भरे जाने के  लिए वर्ग की रिक्तियों के रूप में विचार करने से निवारित नहीं करेगी और ऐसे वर्ग की  पृथक्  रिक्तियों पर उस वर्ष की रिक्तियों के साथ जिसमें वे भरी जा रही हैं, उस वर्ष की रिक्तियों की  कुल संख्या के संबंध में पचास प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा का अवधारण करने के  लिए विचार नहीं किया जाएगा।]

(5) इस अनुच्छेद की कोई बात किसी ऐसी विधि के प्रवर्तन पर प्रभाव नहीं डालेगी जो  यह उपबंध करती है कि किसी धार्मिक या सांप्रदायिक संस्था के कार्यकलाप से संबंधित कोई पदधारी या उसके शासी निकाय का कोई सदस्य किसी विशिष्ट धर्म का मानने वाला या विशिष्ट  संप्रदाय का ही हो।

5[(6) इस अनुच्छेद की कोई बात, राज्य को विद्यमान आरक्षण के अतिरिक्त तथा प्रत्येक प्रवर्ग में परदों के अधिकतम दस प्रतिशत के अध्यधीन, खंड (4) में उल्लिखित वर्गों से  भिन्न नागरिकों के आर्थिक रूप से दुर्बल किन्हीं वर्गों के पक्ष में नियुक्तियों और परदों के  आरक्षण के लिए कोई भी उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी|]

 

  1. संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा "पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट किसी राज्य के या उसके क्षेत्र में किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन उस राज्य के भीतर निवास विषयक कोई अपेक्षा विहित करती हो" के स्थान पर (111-1956 से) प्रतिस्थापित।
  2. संविधान (सतहतरवां संशोधन) अधिनियम, 1995 की धारा 2 द्वारा (17-6-1995 से) अंतःस्थापित।
  3. संविधान (पचासीवां संशोधन) अधिनियम, 2001 की धारा 2 द्वारा भूतलक्षी प्रभाव से (17-6-1995 से) कतिपय शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।
  4. संविधान (इक्यासीवां संशोधन) अधिनियम, 2000 की धारा 2 द्वारा (9-6-2000 से) अंतःस्थापित।
  5. संविधान (एक सौ तीनवां संशोधन) अधिनियम, 2019 की धारा 3 द्वारा ( 14-1 2019 से) अंतःस्थापित।