सिविल हिन्दी ५ - भाग - 92 (Civil Hindi 5 - Part - 92)
परिक्षोपयोगी कहावतें/लोकोक्तियाँ - भाग - 2 (Part - 2)
Posted on March 14th, 2019 | Create PDF File
परिक्षोपयोगी कहावतें/लोकोक्तियाँ
भाग - 2 (Part - 2)
(अ) कहावत/लोकोक्ति - अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम
अर्थ - दुःख - ईश्वर सबकी आवश्यकताएँ पूरी करता है
वाक्य प्रयोग - वह सारा दिन समय नष्ट करता रहता था फिर भी न जाने कैसे परीक्षा में सफल हो गया, ये तो वही बात है कि अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम।
(ब) कहावत/लोकोक्ति - अपना रख, पराया चख
अर्थ - अपनी वस्तु का बचाव करके दूसरे की वस्तु का मनमाना उपयोग करना
वाक्य प्रयोग - वह वैसे तो बहुत कंजूस है, परंतु दूसरे के द्वारा ख़र्च करने पर पूरा आनंद उठाता है। इस पर तो अपना रख, पराया चख ही चरितार्थ होता है।
(स) कहावत/लोकोक्ति - अपनी डफ़ली अपना राग
अर्थ - सबका मत अलग अलग होना
वाक्य प्रयोग - सभी नेता अक्सर संसद में अपनी डफ़ली अपना राग ही चरितार्थ करते रहते हैं।
(द) कहावत/लोकोक्ति - इसके पेट में दाढ़ी है
अर्थ - आयु से अधिक ज्ञान
वाक्य प्रयोग - वह दस वर्ष का लड़का सम्पूर्ण रामचरितमानस का पाठ इतना सुंदर ढंग से करता है, ऐसा लगता है जैसे उसके पेट में दाढ़ी है।
(य) कहावत/लोकोक्ति - ओस चाटे प्यास नहीं बुझती
अर्थ - बहुत कम वस्तु से आवश्यकता की पूर्ति नहीं होती
वाक्य प्रयोग - राम को आज ही 5000 रु की अपनी फ़ीस जमा करनी थी परंतु विशाल ने उसे 1200रुपए ही दिए।सच है कि ओस चाटे प्यास नहीं बुझती।