भारतीय संविधान का अनुच्छेद - 43

Posted on April 1st, 2022 | Create PDF File

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भाग- 4

अनुच्छेद- 43.कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि-

राज्य, विधान या आर्थिक संगठन द्वारा या किसी अन्य रीति से कृषि के, उद्योग के या अन्य प्रकार के सभी कर्मकारों को काम, निर्वाह मजदूरी, शिष्ट जीवनस्तर और अवकाश का संपूर्ण उपभोग सुनिश्चित करने वाली काम की दशाएं तथा सामाजिक और सांस्कृतिक अवसर प्राप्त कराने का प्रयास करेगा और विशिष्टतया ग्रामों में कुटीर उद्योगों को वैयक्तिक या सहकारी आधार पर बढ़ाने का प्रयास करेगा।

1[43क. उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों का भाग लेना-

राज्य किसी उद्योग में लगे हुए उपक्रमों, स्थापनों या अन्य संगठनों के प्रबंध में कर्मकारों का लेना सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त विधान द्वारा या किसी अन्य रीति से कदम उठाएगा।]

2[43ख. सहकारी सोसाइटियों का संवर्धन-

राज्य, सहकारी सोसाइटियों की स्वैच्छिक विरचना, उनके स्वशासी कार्यकरण, लोकतांत्रिक नियंत्रण और वृत्तिक प्रबंधन का संवर्धन करने का प्रयास करेगा।]

 

  1.  संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, 1976 की धारा 9 द्वारा (3-1-1977 से) अंतःस्थापित।
  2. संविधान (सतानवेवां संशोधन) अधिनियम, 2011 की धारा 3 द्वारा ( 15-2-2012 से) अंतःस्थापित।