आधिकारिक बुलेटिन - 1 (24-Dec-2019)^कैबिनेट ने रोहतांग दर्रे के नीचे बनी रणनीतिक महत्व की सुरंग का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने को मंजूरी दी (Cabinet approves Strategic Tunnel under Rohtang Pass to be renamed after former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee)
Posted on December 24th, 2019
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान के सम्मान स्वरूप रोहतांग दर्रे के नीचे बनी रणनीतिक महत्व की सुंरग का नाम उनके नाम पर रखने को मंजूरी दे दी है। सुरंग को नया नाम 25 दिसंबर 2019 को श्री वाजपेयी की जंयती के अवसर पर दिया जाएगा।
रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक महत्व की सुरंग बनाए जाने का ऐतिहासिक फैसला 3 जून 2000 को लिया गया था जब श्री वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। सुंरग के दक्षिणी हिस्से को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी।
8.8 किलोमीटर लंबी यह सुरंग 3000 मीटर की ऊंचाई पर बनायी गयी दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है। इससे सड़क मार्ग से मनाली से लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। साथ ही इससे परिवहन का खर्च भी कई करोड़ रूपए कम हो जाएगा। यह 10.5 मीटर चौडी दो लेन वाली सुरंग है। इसमें आग से सुरक्षा के सभी उपाय मौजूद हैं साथ ही आपात निकासी के लिए सुरंग के साथ ही बगल में एक और सुरंग बनायी गयी है।
इसके निर्माण के दौरान सीमा सड़क संगठन को कई तरक की भौगोलिक और मौसब संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। खासतौर से सेरी नाला फॉल्ट जोन के 587 मीटर क्षेत्र में निर्माण कार्य काफी जटिल और मुश्किल भरा रहा। आखिरकार 15 अक्टूबर 2017 को सुरंग के दोनों छोर तक सड़क निर्माण पूरा कर लिया गया।
सुरंग का निर्माण जल्दी ही पूरा होने वाला है। इससे हिमाचल प्रदेश के सुदुर सीमावर्ती क्षेत्रों और लद्दाख के बीच सभी तरह के मौसम में सड़क यातायात सुगम हो जाएगा। इससे पहले ठंड के मौसम में इन क्षेत्रों का संपर्क देश के अन्य हिस्सों से छह महीने तक पूरी तरह खत्म हो जाता था।
आधिकारिक बुलेटिन - 1 (24-Dec-2019)कैबिनेट ने रोहतांग दर्रे के नीचे बनी रणनीतिक महत्व की सुरंग का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने को मंजूरी दी (Cabinet approves Strategic Tunnel under Rohtang Pass to be renamed after former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान के सम्मान स्वरूप रोहतांग दर्रे के नीचे बनी रणनीतिक महत्व की सुंरग का नाम उनके नाम पर रखने को मंजूरी दे दी है। सुरंग को नया नाम 25 दिसंबर 2019 को श्री वाजपेयी की जंयती के अवसर पर दिया जाएगा।
रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक महत्व की सुरंग बनाए जाने का ऐतिहासिक फैसला 3 जून 2000 को लिया गया था जब श्री वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। सुंरग के दक्षिणी हिस्से को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी।
8.8 किलोमीटर लंबी यह सुरंग 3000 मीटर की ऊंचाई पर बनायी गयी दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है। इससे सड़क मार्ग से मनाली से लेह की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। साथ ही इससे परिवहन का खर्च भी कई करोड़ रूपए कम हो जाएगा। यह 10.5 मीटर चौडी दो लेन वाली सुरंग है। इसमें आग से सुरक्षा के सभी उपाय मौजूद हैं साथ ही आपात निकासी के लिए सुरंग के साथ ही बगल में एक और सुरंग बनायी गयी है।
इसके निर्माण के दौरान सीमा सड़क संगठन को कई तरक की भौगोलिक और मौसब संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। खासतौर से सेरी नाला फॉल्ट जोन के 587 मीटर क्षेत्र में निर्माण कार्य काफी जटिल और मुश्किल भरा रहा। आखिरकार 15 अक्टूबर 2017 को सुरंग के दोनों छोर तक सड़क निर्माण पूरा कर लिया गया।
सुरंग का निर्माण जल्दी ही पूरा होने वाला है। इससे हिमाचल प्रदेश के सुदुर सीमावर्ती क्षेत्रों और लद्दाख के बीच सभी तरह के मौसम में सड़क यातायात सुगम हो जाएगा। इससे पहले ठंड के मौसम में इन क्षेत्रों का संपर्क देश के अन्य हिस्सों से छह महीने तक पूरी तरह खत्म हो जाता था।