आधिकारिक बुलेटिन -3 (23-Dec-2019)
श्री नित्‍यानंद राय ने सीएफएसएल, चंडीगढ़ में एक अत्‍याधुनिक डीएनए विश्‍लेषण केन्‍द्र का उद्घाटन किया (Shri Nityanand Rai inaugurates a State-of-the-Art DNA Analysis Centre at CFSL, Chandigarh)

Posted on December 24th, 2019 | Create PDF File

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गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने आज सीएफएसएल, चंडीगढ़ में एक अत्याधुनिक डीएनए विश्लेषण केंद्र का उद्घाटन किया। इस नई उन्नत फोरेंसिक डीएनए विश्लेषण प्रयोगशाला की स्थापना निर्भया फंड योजना के अंतर्गत की गई है, जिसके लिए 99.76 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह केंद्र (i) यौन उत्पीड़न और मानव हत्‍या इकाई (ii) पितृत्व इकाई (iii) मानव पहचान इकाई और (iv) मिटोकोंड्रियल डीएनए इकाई के लिए आधुनिक सुविधा प्रदान करेगा। डीएफएसएस ने सुनिश्चित किया है कि यह केंद्र पूरी तरह से आधुनिक डीएनए प्रोफाइलिंग साधनों और उपकरणों से सुसज्जित है। इस अत्‍याधुनिक फोरेंसिक डीएनए विश्लेषण सुविधा में प्रति वर्ष 2000 मामलों की जांच करने की क्षमता है।

इस अवसर पर श्री राय ने जोर देकर कहा कि सभी राज्य और संघ शासित प्रदेश इस सुविधा का उपयोग करने के साथ-साथ फोरेंसिक मामलों को तेजी से निपटाने के लिए अपने सम्‍बद्ध राज्यों में भी इसी तरह की सुविधाओं को स्थापित करें। यह एक आधुनिक, प्रभावी आपराधिक न्याय प्रणाली की सुविधा को कारगर बनाएगा। हालांकि, उन्होंने अनुरोध किया कि सभी को एक ऐसा समुदाय बनाने की दिशा में काम करना चाहिए जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाते हों और इस तरह की घटनाएं न हों। श्री राय ने यह भी कहा कि ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) द्वारा फोरेंसिक साक्ष्य संग्रह में एक विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है और 6000 से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

श्री राय ने कहा कि सरकार ने देश में महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और कानून में कठोर दंड की व्‍यवस्‍था करने के अलावा, इस संबंध में अनेक उपाय शुरू किए गए हैं। इनमें 28 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में 112 सार्वभौमिक आपातकालीन सेवाएं शुरू करना, 8 बड़े शहरों में ‘सुरक्षित शहर (सेफ सिटी)’ परियोजनाओं की शुरूआत और राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं को मजबूत बनाना शामिल है। यह मंत्रालय सभी जिलों के पुलिस थानों में महिला हेल्‍पडेस्क और मानव तस्करी विरोधी इकाइयों की स्थापना करेगा।

 

आपराधिक जांच का कार्य समय पर और दक्षता के साथ पूरा करने और बेहतर दोषसिद्धि के लिए डीएनए विश्लेषण महत्वपूर्ण हो गया है। फोरेंसिक डीएनए प्रोफाइलिंग एक बहुत ही संवेदनशील और प्रतिलिपि प्रस्‍तुत करने योग्य तकनीक है जो आधुनिक आपराधिक जांच जैसे बड़ी आपदाओं के समय लोगों की पहचान, पितृत्व और मातृत्व विवाद, दुष्‍कर्म और हत्या के मामलों में पीड़िता और संदिग्‍ध व्‍यक्ति की पहचान, अस्‍पतालों में बच्चे की अदला-बदली, मृतक की पहचान, अंग प्रत्यारोपण और परदेस में जाकर बसने आदि में सबसे मूल्यवान साधन बन गई है ।

गृह मंत्रालय (एमएचए) के अंतर्गत फोरेंसिक विज्ञान सेवाओं के निदेशालय ने देश में केन्‍द्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (सीएफएसएल) की स्थापना की है। ये भोपाल (मध्य प्रदेश), चंडीगढ़, गुवाहाटी (असम), हैदराबाद (तेलंगाना), पुणे (महाराष्ट्र) और कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में स्थित हैं। साक्ष्य की फॉरेंसिक जांच में राज्यों की सहायता करने के अलावा, सीएफएसएल की प्रमुख भूमिका नई फोरेंसिक तकनीक विकसित करने, फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए आधारभूत विज्ञान में नवीनतम विकास अपनाने और अन्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के लिए जानकारी प्रसारित करने के लिए अनुसंधान और विकास गतिविधियों को शुरू करने की है। ।

देश भर से केंद्रीय और राज्य एफएसएल के निदेशकों सहित करीब 200 आमंत्रित प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। इनके अलावा वरिष्ठ पुलिस/न्यायिक अधिकारी, प्रोफेसर, विभिन्न विश्वविद्यालयों/अस्पतालों के डॉक्टर, वैज्ञानिक संगठन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।