आधिकारिक बुलेटिन - 2 (27-Apr-2020)
केन्द्रीय पूल के लिए गेहूं की खरीद पकड़ रही रफ्तार
(Wheat procurement under central pool gathers momentum)

Posted on April 27th, 2020 | Create PDF File

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देश में सभी प्रमुख खरीद वाले राज्यों में गेहूं की खरीद तेजी से हो रही है। 26.04.2020 तक केन्द्रीय पूल के लिए कुल 88.61 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं की खरीद हो चुकी है। इसमें 48.27 एलएमटी के साथ सबसे ज्यादा योगदान पंजाब का रहा है, जिसके बाद 19.07 एलएमटी के साथ हरियाणा रहा है। खरीद की वर्तमान गति को देखें तो इस सत्र में 400 एलएमटी का लक्ष्य आसानी से हासिल किया जा सकता है। कोविड-19 वायरस के प्रसार के खतरे को देखते हुए मंडियों में पर्याप्त सावधानियां और सामाजिक दूरी के नियमों के पालन के साथ खरीद की जा रही है। किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए हर प्रयास किया जा रहा है। अतिरिक्त भंडार से खपत वाले राज्यों को तेज गति से खाद्यान भेजा जा रहा है।

 

इसके साथ ही लॉकडाउन की अवधि के दौरान भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) 2,000 से ज्यादा ट्रेन लोड्स को रवाना कर चुका है। 27.04.2020 तक भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए खाद्यान्नों की जरूरत को पूरा करने के लिए कुल 2,087 ट्रेन लोड्स ने लगभग 58.44 लाख एमटी खाद्यान्न भेजा गया।

 

खपत वाले राज्यों में कई प्रमुख अनलोडिंग केन्द्रों के हॉटस्पॉट और नियंत्रण क्षेत्र घोषित होने के कारण कई प्रकार की बंदिशों के बावजूद इस अवधि के दौरान 53.47 एलएमटी खाद्यान्न से भरी 1,909 रैक अनलोड की गईं। ऐसा अनुमान है कि केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा बंदिशों में धीरे-धीरे ढील दिए जाने के साथ आने वाले दिनों में अनलोडिंग बढ़ जाएगी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना (पीएमजीकेएवाई) के अंतर्गत 3 महीने (अप्रैल से जून) के लिए प्रति व्यक्ति मुफ्त 5 किलोग्राम खाद्यान्न वितरण के लिए उठान तेजी से बढ़ रहा है। संघ शासित क्षेत्रों लद्दाख और लक्षद्वीप पहले ही अपने 3 महीने के पूरे कोटे का उठान कर चुके हैं। अन्य 7 राज्य जून का कोटा उठा रहे हैं, जबकि 20 राज्य वर्तमान में मई महीने का कोटा उठा रहे हैं। 8 राज्य अप्रैल महीने का कोटा उठा रहे हैं, जिसे इस महीने के अंत तक पूरा होने का अनुमान है।

 

एफसीआई ने जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी राज्यों में पर्याप्त भंडार की व्यवस्था कर ली है। पश्चिम बंगाल के मामले में 3 महीने के लिए जरूरी लगभग 9 लाख एमटी के अतिरिक्त आवंटन की योजना पहले ही तैयार कर ली गई है, जिसके तहत पश्चिम बंगाल में इतनी कम अवधि में खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 4 राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से राज्य के विभिन्न हिस्सों को चावल से भरी लगभग 227 ट्रेनें भेजी जाएंगी।