आधिकारिक बुलेटिन - 5 (26-Apr-2020)
डिस्पोजेबल मास्क के लिए जैविक-अजैविक हाइब्रिड नैनो कोटिंग : रोगजनक कोविड-19 के खिलाफ अहम हथियार
(Organic-Inorganic Hybrid Nanocoatings for Disposable Masks: A formidable arsenal against pathogenic COVID-19)

Posted on April 26th, 2020 | Create PDF File

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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बंगलुरू के डॉ. विश्वनाथ आर द्वारा डिस्पोजेबल मास्क के लिए विकसित जैविक-अजैविक हाइब्रिड नैनो कोटिंग्स के व्यापक उत्पादन को डीएसटी नैनो मिशन के तहत समर्थन दिए जाने को स्वीकृति दे दी है।

 

डॉ. विश्वनाथ आर का लक्ष्य पॉलिमर मैट्रिक्स के साथ सिलिका नैनो कणों पर आधारित क्रियाशील जैविक-अजैविक हाइब्रिड नैनो कोटिंग के विकास के लिए सोल-जेल नैनो प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है, जिससे मास्क की सतह के संपर्क में आने वाले कोविड-19 से संबंधित रोगजनक वायरस खत्म हो जाता है।

 

वह विकसित की गई नैनो कोटिंग से मेडिकल मास्कों को कीटाणुमुक्त बनाएंगे और उनकी कीटाणुशोधन की क्षमता का प्रदर्शन करने के साथ ही उद्योगों को तकनीक के हस्तांतरण की एक कार्ययोजना तैयार करेंगे।

 

कोविड 19 महामारी के चलते पैदा हुए संकटपूर्ण हालात को देखते हुए सुरक्षात्मक मास्कों की मांग खासी बढ़ गई है और इसके साथ ही उनकी कीमतें भी बढ़ गई हैं। हालांकि बाजार में कई प्रकार के मास्क उपलब्ध हैं, लेकिन संक्रमण से सुरक्षा के लिए सही मास्क का चयन खासा मुश्किल बना हुआ है।

 

बाजार में उपलब्ध एन95 मास्क वायरस और बैक्टीरिया सहित हर प्रकार के कणों को रोकने में सक्षम है, लेकिन वे काफी महंगे हैं और इस्तेमाल से पहले इसके परीक्षण की जरूरत है। इसके अलावा पहने जाने वाले मास्क की सतह कई प्रकार से संपर्क में आती है और इस कारण वह गंदा हो जाता है। इन पहलुओं के चलते नए समाधानों की जरूरत है, जिससे डिस्पोजेबल मेडिकल मास्कों से जुड़ी चिंताओं को दूर किया जा सके।

 

शोधकर्ताओं द्वारा सोल-जेल तकनीक का उपयोग करते हुए नैनो कणों के सहारे नैनो कोटिंग हाइड्रोफोबिक का निर्माण किया जाएगा, जिससे मास्क की सतह से प्रभावी रूप से पानी/ नमी को हटाना संभव होगा। नैनो कोटिंग सुरक्षित और किफायती होने के साथ ही कोविड-19 के खिलाफ काफी प्रभावी भी है। इससे आम आदमी की व्यापक जरूरतें पूरी की जा सकेंगी और समाज के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण देने में सहायता मिलेगी।

 

डीएसटी सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, “माइक्रोबियल रोधी और पानी रोधी मास्क का उद्देश्य काफी अहम है, क्योंकि पर्यावरण में नम संक्रमित तरल की मात्रा ज्यादा है या मास्क को ठीक करने के लिए बार-बार छूना पड़ता है। ऐसी कई प्रकार की कोटिंग तैयार की जा रही हैं, जो अगर सुरक्षित हों, सांस लेने की प्रक्रिया से समझौता न करें और किफायती हों तो ये खासी अहम हो सकती हैं।”