आधिकारिक बुलेटिन - 3 (26-Apr-2020)
सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र घटाने की खबर फ़र्जी
(News of reducing the retirement age of government employees is fake)

Posted on April 26th, 2020 | Create PDF File

hlhiuj

सरकार ने मीडिया के एक हिस्से में चल रही उन खबरों को सिरे से खारिज किया है, जिनमें सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र घटाकर 50 वर्ष करने का प्रस्ताव रखे जाने की बात कही गई है। केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां स्पष्ट रूप से कहा कि न तो सेवानिवृत्ति की उम्र घटाने की कोई पहल की गई है और न ही सरकार के स्तर पर ऐसे किसी प्रस्ताव पर चर्चा की गई है।

 

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कुछ तत्व बार-बार सोशल मीडिया पर गलत जानकारियां फैला रहे हैं और इनके पीछे सरकारी स्रोतों या डीओपीएंडटी का हवाला दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर बार हितधारकों के बीच भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए त्वरित खंडन जारी किया जाता है। उन्होंने इसे दुखद बताते हुए कहा कि ऐसे समय में जब देश कोरोना संकट से जूझ रहा है और पूरी दुनिया महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रिय रणनीति की प्रशंसा कर रहा है, कुछ तत्व क्षुद्र स्वार्थवश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को कमतर करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से मीडिया में ऐसी खबरें चलवा रहे हैं।


इसके विपरीत कोरोना की चुनौती सामने आने के बाद से सरकार और डीओपीएंडटी द्वारा समय-समय पर कर्मचारियों के हितों की रक्षा में त्वरित फैसले लिए जा रहे हैं। उदाहरण सामने रखते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से पहले ही डीओपीटी ने आधिकारिक रूप से कार्यालयों में “बेहद आवश्यक या न्यूनतम कर्मचारियों के साथ” काम करने का परामर्श जारी किया था। हालांकि आवश्यक सेवाओं को इन दिशानिर्देशों से छूट देते हए डीओपीटी ने “दिव्यांग कर्मचारियों को आवश्यक सेवाओं से भी” छूट देने का आदेश जारी किया था।

 

लॉकडाउन की बाधाओं पर विचार करते हुए उन्होंने याद दिलाया कि डीओपीटी ने सरकारी अधिकारियों द्वारा वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) को भरने की अंतिम तारीख टाल दी थी।

 

इसके अलावा उन्होंने यूपीएससी के आईएएस/ सिविल सेवाओं के साक्षात्कार/ व्यक्तित्व परीक्षण की तारीखों में बदलाव करने के फैसले का उल्लेख किया। साथ ही यह भी घोषणा की जा चुकी है कि सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा 3 मई के बाद की जाएगी। इसी प्रकार एसएससी ने भी अपनी भर्ती प्रक्रिया को टाल दिया है।

 

कार्मिक मंत्रालय के कार्मिक विभाग के संबंध में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले सप्ताह ही ऐसा फर्जी समाचार था कि सरकार ने पेंशन में 30 प्रतिशत कटौती और 80 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों की पेंशन बंद करने का फैसला किया है। हालांकि, इसके विपरीत हकीकत यह थी कि 31 मार्च को ऐसा कोई पेंशनर नहीं था जिसकी पेंशन उनके खाते में जमा नहीं की गई हो। इसके साथ ही डाक विभाग की सेवाओं के माध्यम से जरूरत पड़ने पर पेंशनरों के घर पर पेंशन की धनराशि पहुंचाई गई।

 

इसके अलावा कार्मिक मंत्रालय के कार्मिक विभाग ने पिछले चार सप्ताह के दौरान 20 शहरों में पेंशनरों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस परामर्श का आयोजन किया था, जहां डॉ. रणदीप गुलेरिया, निदेशक (एम्स) जैसे विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी गई। इसी प्रकार वेबिनार पर योग सत्रों के आयोजन भी कराए जा रहे हैं।