आधिकारिक बुलेटिन -1 (18-Feb-2019)
महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी कई पहलों की शुरूआत
(many initiatives related to safety of women will launch)

Posted on February 18th, 2019 | Create PDF File

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केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई पहलों की शुरूआत करेंगे। देश के 16 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और मुंबई महानगर में इमरजेंसी रिस्‍पोंस सपोर्ट सिस्‍टम (ईआरएसएस), यौन अपराधों के लिए जांच ट्रेकिंग सिस्‍टम (आईटीएसएसओ) और सुरक्षित  महानगर कार्यान्‍वयन निगरानी पोर्टल की शुरूआत करना इनमें शामिल हैं। ये 16 राज्‍य/केंद्रशासित प्रदेश हैं-आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्‍तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, पुदुचेरी, लक्षद्वीप, अंडमान, दादर नगर हवेली, दमन और दीव, जम्मू-कश्मीर।  

 

बलात्कार के अपराध की प्रभावकारी तरीके से रोकथाम के लिए,  सरकार ने आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 लागू किया है। इस अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए, जांच और अभियोजन मशीनरी को मजबूत करने और महिलाओं के बीच सुरक्षा की भावना पैदा करने के उपायों को ध्‍यान में रखते हुए, सरकार इन पहलों को शुरू कर रही है।    

 

इमरजेंसी रिस्पोंस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस)-

 केंद्रीय गृह मंत्री इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) लॉन्च करेंगे। ईआरएसएस व्यथित व्यक्तियों के लिए एक अखिल भारतीय एकल संख्या (112) आधारित रिस्‍पोंस सपोर्ट सिस्‍टम है। एक नागरिक आपातकालीन सेवाओं तक पहुँचने के लिए निम्नलिखित विधियों का उपयोग कर सकता है:

  • फोन से 112 डायल करें।

  • ईआरसी पर पैनिक कॉल को सक्रिय करने के लिए 3 बार स्मार्ट फोन पर पावर बटन दबाएं।

  • फीचर फोन के मामले में, फोन पर "5" या "9" कुंजी का लंबा प्रेस पैनिक कॉल को सक्रिय करेगा।

  • राज्य के लिए ईआरएसएस वेबसाइट पर लॉग ऑन करें और आपातकाल लॉंच करें।

  • स्टेट ईआरसी के लिए एसओएस अलर्ट मेल करें।

  • 112 भारत मोबाइल ऐप का उपयोग करें, जो गूगल प्‍लेस्‍टोर और एप्‍पल स्टोर पर मुफ्त उपलब्ध है।

 

इस प्रणाली के तहत, सभी राज्यों को एक समर्पित इमरजेंसी रिस्पांस केंद्र (ईआरसी) स्थापित करना होगा। इसमें पुलिस, फायर एंड रेस्क्यू, स्वास्थ्य और अन्य आपातकालीन सेवाओं से सहायता से संबंधित आपातकालीन अनुरोधों के संचालन के लिए प्रशिक्षित कॉल-टेकर्स और डिस्पैचर की एक टीम होगी। ईआरसी पर आपातकालीन कॉल किए जाने के बाद पुलिस सभी घटनाओं को देख सकती है। ईआरसी जिला कमांड सेंटर (डीसीसी) और इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल से जुड़े होते हैं, और पीड़ितों को सहायता/प्रतिक्रिया उनके माध्यम से दी जाती है। ईआरएसएस को प्रत्येक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश द्वारा प्रबंधित एक सामान्य प्रोटोकॉल के रूप में तैयार किया गया है। ईआरएसएस किसी भी व्यक्ति द्वारा संकटपूर्ण कॉल करने के लिए एक 112 भारत मोबाइल ऐप भी प्रदान करता है। महिलाओं और बच्चों के लिए, 112 इंडिया ऐप एक विशेष शाउट सुविधा प्रदान करता है, जो तत्काल सहायता के लिए पीड़ित के आसपास के क्षेत्र में पंजीकृत स्वयंसेवकों को सचेत करता है। केंद्र सरकार निर्भया योजना के हिस्से के रूप में ईआरएसएस के लिए राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को 321.69  करोड़ रूपये का अनुदान दे रही है। हिमाचल प्रदेश और नगालैंड में पहले ही ये सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग प्रणाली (आईटीएसएसओ) और सुरक्षित महानगर कार्यान्‍वयन निगरानी (एससीआईएम) पोर्टल की भी शुरूआत करेंगे।  

 

सुरक्षित महानगर परियोजनाओं की महत्वपूर्ण विशेषताओं में शामिल हैं:

  • अपराध की पहचान, प्रत्येक शहर में हॉट-स्पॉट।

  • चिन्हित हॉट-स्पॉट में सीसीटीवी निगरानी में वृद्धि करना।

  • आवश्यकता के अनुसार कुछ शहरों में स्वचालित नंबर प्लेट रीडिंग (एएनपीआर) और ड्रोन आधारित निगरानी भी तैनात की जा रही है।

  • किसी भी पीड़ित महिला द्वारा घटना की सूचना देने या सहायता प्राप्त करने में आसानी के लिए महिला पुलिस आउट-पोस्ट की स्थापना करना।

  • असुरक्षित क्षेत्रों में महिला पुलिस द्वारा गश्त।

  • प्रशिक्षित काउंसलर की सुविधा के साथ पुलिस स्टेशनों में महिला सहायता डेस्क की स्थापना।

  • मौजूदा महिला सहायता केंद्रों जैसे आशा ज्योति केंद्र या भरोसा केंद्र आदि का विस्तार।

  • कैमरों सहित बसों में सुरक्षा उपायों को लागू करना।

  • चिन्हित हॉट स्पॉट क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइटिंग में सुधार।

  • महिलाओं के लिए शौचालय की स्थापना।

  • महिला सुरक्षा और लैंगिक संवेदनशीलता पर सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम।

 

इस आयोजन के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह,  चार राज्यों - तमिलनाडु (चेन्नई और मदुरै), उत्तर प्रदेश (लखनऊ और आगरा),  पश्चिम बंगाल (कोलकाता) और महाराष्ट्र (मुंबई) की राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में डीएनए विश्लेषण क्षमताओं को मजबूत करने के लिए निर्भया फंड के तहत एक विशेष परियोजना की घोषणा भी करेंगे।