आधिकारिक बुलेटिन -2 (15-Feb-2019)
कोर ऑफ सिग्नल्स का 108वीं वर्षगांठ समारोह
(108th Anniversary Celebrations: Corps of Signals)

Posted on February 15th, 2019 | Create PDF File

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कोर ऑफ सिग्नल्स की 108वीं वर्षगांठ 15 फरवरी, 2019 को मनाई गयी। इसकी स्थापना 1911 में हुई थी। सिग्नल ऑफिसर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव सभरवाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अमर जवान ज्योति पर समारोह में बहादुर सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित की।

 

कोर ऑफ सिग्नल्स तेज आधुनिकीकरण तथा मजबूत सुरक्षित अखिल भारतीय सेना संचार के लिए समकालीन संचार चुनौतियों के अनुरूप बना हुआ है। अगली पीढ़ी के रणनीतिक नेटवर्कों को लागू करने तथा इलेक्ट्रानिक युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने के लिए गति प्रदान की गई है।

 

समारोह को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल राजीव सभरवाल ने उपस्थित सभी रैंक से कहा कि कोर समय की कसौटी पर खरा उतरा है और सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी, साइबर तथा इलेक्ट्रनिक युद्ध क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रकाशस्तम्भ बन गया है।

 

सेना के व्यापक पहल के हिस्से के रूप में कोर ने दिव्यांग सैनिकों, विधवाओं, वीर नारियों तथा वृद्ध और जरूरतमंद पूर्व सैनिकों के साथ अपने संबंधो को नया रूप दिया है।

 

कोर ऑफ सिग्नल्स-

 


इंडियन आर्मी कॉर्प्स ऑफ़ सिग्नल भारतीय सेना का एक कोर और आर्म है, जो सैन्य संचार को संभालता है। इसका गठन 15 फरवरी 1911 को लेफ्टिनेंट कर्नल एस एच पावेल के तहत एक अलग इकाई के रूप में किया गया था।

 

कॉर्प्स डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के साथ मिलकर कमांड और कंट्रोल सॉफ्टवेयर विकसित करने के लिए काम करता है,भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड के साथ मिलकर इसने एक मोबाइल एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, संयुक्ता इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम  विकसित किया है।

 

 

मिलिट्री कॉलेज ऑफ़ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (MCTE), महू, कोर ऑफ़ सिग्नल का एक प्रीमियर प्रशिक्षण संस्थान है, जबकि इसका युद्ध संग्रहालय जबलपुर में स्थित है, जहाँ 1 सिग्नल रेजिमेंट आधारित है।