आधिकारिक बुलेटिन - 4 (27-Apr-2020)
रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट की कीमत से संबंधित विवाद पर तथ्य
(Facts on the controversy around prices of Rapid Antibody tests)

Posted on April 27th, 2020 | Create PDF File

hlhiuj

सबसे पहले तो उस पृष्ठभूमि को समझना महत्वपूर्ण है जिसमें आईसीएमआर द्वारा खरीद के निर्णय लिए जाते हैं। टेस्टिंग कोविड-19 से लड़ने के सबसे महत्वपूर्ण हथियारों में से एक है और आईसीएमआर टेस्टिंग को बढ़ाने से संबंधित सभी प्रयास कर रही है। इसके लिए टेस्ट किटों की खरीद और राज्यों को उनकी आपूर्ति की आवश्यकता होती है। यह खरीद तब की जा रही है जब वैश्विक रूप से इन टेस्ट किटों की भारी मांग है और विभिन्न देश इन्हें खरीदने के लिए अपनी पूरी मौद्रिक और राजनयिक ताकत का उपयोग कर रहे हैं।

 

इन किटों को खरीदने की आईसीएमआर की पहली कोशिश पर आपूर्तिकर्ताओं से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई। दूसरे प्रयास में पर्याप्त प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। इन प्रतिक्रियाओं मेंसंवेदनशीलता और विशिष्टता को ध्यान में रखते हुए 2 कंपनियों (बायोमेडेमिक्स एवं वोंडफो) के किटों की खरीद के लिए पहचान की गई। दोनों के पास अपेक्षित अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन थे।

 

वोंडफो के लिए,मूल्यांकन समिति को 4 बोलियां प्राप्त हुईं और तदनुरूप प्राप्त बोलियां रु. 1,204, रु.1,200, रु.844 और रु.600 की थीं। इसी के अनुरूप, रु.600 की बोली पेशकश पर एल-1 के रूप में विचार किया गया।

 

इस बीच, आईसीएमआर ने सीजीआई के जरिये सीधे चीन की वोंडफो कंपनी से भी किटों की खरीद की कोशिश की। तथापि,प्रत्यक्ष खरीद से प्राप्त कोटेशन के निम्नलिखित मुद्दे थे:

  • कोटेशन लॉजिस्टिक्स मुद्दों पर बिना किसी प्रतिबद्धता के एफओबी (फ्री आन बोर्ड) था।
  • कोटेशन बिना किसी गारंटी के 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष अग्रिम के आधार पर था।
  • समय-सीमा को लेकर कोई गारंटी नहीं थी।
  • दरों को अमेरिकी डॉलर में संप्रेषित किया गया जिसमें मूल्यों में उतार-चढ़ाव के अंकेक्षण के लिए कोई खंड नहीं था।

 

इसलिए, किटों के लिए भारत के लिए वोंडफो के विशिष्ट डिस्ट्रिब्यूटर का फैसला किया गया जिसने अग्रिम के बिना किसी खंड के एफओबी (लॉजिस्टिक्स) के लिए एक सर्व समावेशी कीमत को उद्धृत किया।

 

यह याद रखे जाने की आवश्यकता है कि ऐसी किटों की खरीद के लिए किसी भारतीय एजेंसी द्वारा अब तक ऐसा पहला प्रयास था और बोलीकर्ताओं द्वारा उद्धृत की गई दर ही एकमात्र संदर्भ बिन्दु थी।

 

कुछ आपूर्तियों की प्राप्ति के बाद,आईसीएमआर ने एक बार फिर प्रक्षेत्र स्थितियों में इन किटों पर गुणवत्ता जांच संचालित की है। उनके निष्पादन के वैज्ञानिक मूल्यांकन के आधार परदूसरे निर्माण के संबंध में उन्हें कम प्रभावकारी पाते हुए विवादास्पद आर्डर (वोंडफो) रद्द कर दिया गया है।

 

इस पर जोर दिए जाने की आवश्यकता है कि आईसीएमआर ने इन आपूर्तियों के संबंध में अभी तक कोई भी भुगतान नहीं किया है। नियत प्रक्रिया का पालन करने के कारण (100 प्रतिशत अग्रिम भुगतान राशि के साथ खरीद करने)भारत सरकार को एक भी रुपये का नुकसान नहीं हुआ है।