उत्तर क्षेत्र का राजभाषा सम्मेलन चंडीगढ़ में आयोजित(Official Language Conference of Northern Region held in Chandigarh)

Posted on November 19th, 2018 | Create PDF File

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राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, नई दिल्‍ली के तत्‍वावधान में वर्ष 2017-18 के पहले क्षेत्रीय सम्‍मेलन का आयोजन उत्‍तर-1 एवं उत्‍तर-2 क्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यान्‍वयन कार्यालयों द्वारा आज चंडीगढ़ में आयोजित किया गया। दिल्‍ली संघ राज्‍य क्षेत्र, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्‍मू-कश्‍मीर, राजस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश, एवं उत्‍तराखंड से आए केंद्र सरकार के कार्मिकों ने इस सम्‍मेलन में भाग लिया।

 

इस आयोजन का मुख्‍य उद्देश्‍य इन क्षेत्रों में स्‍थित केंद्र सरकार के विभिन्‍न कार्यालयों, बैंकों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं नगर राजभाषा कार्यान्‍वयन समितियों के विजेताओं को पुरस्‍कार प्रदान करना था, ताकि संघ की राजभाषा नीति के कार्यान्‍वयन और प्रचार-प्रसार को बढ़ावा मिल सके।

 

सम्‍मेलन के दौरान मुख्‍य अतिथि माननीय गृह राज्‍य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने विजेताओं को पुरस्‍कार प्रदान किए। अपने विचार व्यक्त करते हुए माननीय गृह राज्य मंत्री श्री रिजिजू ने कहा कि हिन्दी से ऐसे करोड़ों लागों की भावनाएं जुड़ी हैं जो हिन्दी में सोचते हैं, हिन्दी में बोलते हैं और जिनके जीवन में हिन्दी रची-बसी है। हिन्दी भारतीय संस्कृति के मूल तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम होने के साथ-साथ भारत की भावनात्मक एकता को मजबूत करने का सशक्त जरिया भी है। हमें सदैव यह स्मरण रखना होगा कि हिन्दी भारत के जन-मानस की भाषा है परन्तु सभी क्षेत्रीय भाषाएं भी यहां की सभ्यता और संस्कृति की पोषक हैं। पंजाब में बोली जाने वाली पंजाबी भाषा भी बहुत लोकप्रिय भाषा है और जन-जन से जुड़ी हुई है। सरकारी कामकाज में हिन्दी के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए और इसका अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। इस अवसर पर माननीय मंत्री ने यह भी कहा कि हिन्दी न केवल स्वतंत्रता के समय की प्रमुख भाषा रही थी, बल्कि स्वतंत्रता के पश्चात भी इसने देश को जोड़ने का महत्‍वपूर्ण कार्य किया है। उन्‍होंने कहा कि मातृभाषा से बढ़कर कुछ भी नहीं है।

 

इस अवसर पर भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान, शिमला के उपाध्यक्ष डॉ. चमन लाल ने कहा कि कोई भी भाषा उपयोग से विकसित होती है और हमें हिन्दी भाषा का उपयोग करना चाहिए। आज हिन्दी भाषा से परिचय और लगाव बढ़ाने की आवश्यकता है।

 

पंजाब विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ. गुरमीत सिंह ने कहा कि सरल और अच्छी हिन्दी की बात की जानी चाहिए न कि हिन्दी के व्याकरण के साथ उलझना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि हिन्दी से जुड़े अनुवादकों, पत्रकारों, शिक्षकों के बीच तालमेल होना चाहिए।

 

माननीय गृह राज्‍य मंत्री श्री किरेन रिजिजू सम्‍मेलन के मुख्‍य अतिथि थे। सम्‍मेलन का आयोजन डॉ. बिपिन बिहारी, संयुक्त सचिव, राजभाषा विभाग की अध्‍यक्षता में किया गया। इस अवसर पर संयुक्त सचिव ने राजभाषा विभाग द्वारा हिन्दी के संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा नए तकनीकी टूल्‍स जैसे कंठस्थ का मोबाइल वर्जन और मेमोरी आधारित अनुवाद टूल का भी विकास करवाया गया है। उन्‍होंने सभी कार्यालयों, बैंकों, उपक्रमों, बोर्डों इत्‍यादि को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्‍हें मूल कार्य हिन्दी में करना चाहिए तथा हिन्दी कार्यान्‍वयन को आगे बढ़ाना चाहिए। इस अवसर पर श्री संदीप आर्य, निदेशक, राजभाषा विभाग ने राजभाषा कार्यान्‍वयन की स्‍थिति पर प्रकाश डाला।